RBI Action : जब भी कोई बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लंघन करता है तो, RBI बिना किसी की अनुमति के उस बैंक के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए बैंक पर जुर्माना लगा सकता है, साथ ही उसकी सेवाएं और लाइसेंस रद्द कर सकता है,, यहां तक की बैंक को भी बंद कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, भारत के सभी बैंकों की कमान RBI के हाथों में ही होती है और वह जब चाहे तब बैंकों से जुड़ा फैसला ले सकता है। वहीं, अब RBI ने एक बैंक को बंद कर दिया है तो वहीँ, एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
RBI ने एक बैंक को किया बंद तो एक का किया लाइसेंस रद्द :
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सभी बैंकों और वियित संस्था पर नियंत्रण रखता है। इन सभी बैंकों के लिए कई नियम निर्धारित किये गए हैं। जिनका पालन न होने या किसी अन्य कारण के चलते RBI बैंकों को बंद भी कर सकता है। वहीँ, अब RBI ने पुणे के 110 साल पुराने 'रुपी को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' (Rupee Co-Operative Bank Limited) को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। इस बैंक की सेवाएं ग्राहकों को गुरुवार यानी 22 सितंबर से मिलना बंद हो गई हैं। वहीँ, RBI ने महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित 'द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' (The Laxmi Co-Operative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। RBI ने ऐसा बैंक में चल रही पूंजी की किल्लत और आमदनी की संभावनाएं नहीं होने के चलते किया है।
रुपी को ऑपरेटिव बैंक को लेकर RBI की घोषणा :
रुपी को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को लेकर RBI ने घोषणा की है कि, बैंक का लाइसेंस 22 सितंबर 2022 से रद्द कर दिया गया। RBI की ओर से इस बारे में पूर्व में जारी बयान में कहा गया कि, 'बंबई उच्च न्यायालय के 12 सितंबर, 2017 के आदेश के अनुपालन के तहत पुणे स्थित रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड के लाइसेंस को रद्द करने का यह आदेश 10 अगस्त, 2022 से छह हफ्ते बाद प्रभावी हो जाएगा। आज यह मियाद पूरी हो गई और इसी के साथ रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड इतिहास का हिस्सा बन गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 फरवरी 2013 के निर्देश के तहत रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड पुणे को कारोबार बंद करने के निर्देश के तहत रखा था।
क्यों किया बैंक बंद ?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पुणे के रुपी को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को बंद करने का कारण बैंकिंग नियमों की अनदेखी करने को बताया है। RBI ने 26 अगस्त 2022 को जारी निर्देश में कहा कि, 'इसकी वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई थी। बाॅम्बे हाईकोर्ट ने 2017 में 2014 की रिट याचिका संख्या 2938 (बैंक कर्मचारी संघ, पुणे बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य), 2017 की रिट याचिका संख्या 9286 (नरेश वसंत राउत एवं अन्य बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य) के संबंध में उक्त आदेश जारी किया था. इस आदेश के बाद आरबीआइ की ओर से की गई कार्रवाई के तहत बैंक ने 22 सितंबर से कारोबार करना बंद कर दिया।'
लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर RBI का बयान :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने को लेकर एक बयान में कहा है कि, 'बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में जमाकर्ताओं की पूरी राशि का भुगतान करने में समर्थ नहीं है। को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता अपनी जमा की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। DICGC ने 13 सितंबर, 2022 तक कुल बीमित जमा राशि का 193.68 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर दिया है। RBIने 'बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।'
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