RBI Cancelled Bank License : पूरे देश में किसी भी परिस्थति में सभी बैंक आवश्यक वित्तीय कार्य हेतु खुले रहते हैं साथ ही सभी बैंकों में कार्य रेगुलर होता है। कई बार यह बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों से कुछ भूल-चूक या गड़बड़ी हो जाती है। ऐसे में इनके खिलाफ कार्यवाही करने का काम भारत के सभी बैंकों की निगरानी करने वाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) करता है। RBI बिना किसी की अनुमति के किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था पर जुर्माना लगा सकता है साथ ही उनके लाइसेंस भी रद्द कर सकता है। वहीं, RBI ने अब तक कई बैंकों और वित्तीय संस्था का लाइसेंस रद्द कर दिया है। वहीं, अब RBI ने एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
RBI ने किया बैंक का लाइसेंस रद्द :
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सभी बैंकों और वित्तीय संस्था पर नियंत्रण रखता है। इन सभी की लगाम RBI के हाथ में ही रहती है और RBI ने इन बैंकों के लिए कई नियम निर्धारित किये हैं। जब भी कोई बैंक किसी नियम का उल्लंघन करता है तब RBI इन बैंकों का लाइसेंस रद्द करने और जुर्माना लगाने जैसे फैसले लेता है। वहीं, अब RBI ने कर्नाटक के दावणगेरे में स्थित मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Millath Co-operative Bank Ltd., Davangere) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस अनियमितता और नियमों के उल्लंघन के चलते रद्द कर दिया है।
RBI ने दी जानकारी :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की है। क्योंकि, मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और यह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की हालत में नहीं है। इस बारे में जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर बताया है कि, 'शनिवार 18 जून, 2022 को कारोबार बंद होने के बाद बैंक बैंकिंग बिजनेस नहीं कर पाएगा। बैंक द्वारा जमा कराए गए ब्योरे के अनुसार जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एवं क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) के जरिए अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी। लिक्विडेटर नियुक्त होने की स्थिति में प्रत्येक जमाकर्ता को DICGC से जमा बीमा दावे का अधिकार होता है। इसकी सीमा 5 लाख रुपये तक है। अगर बैंक को आगे बैंकिंग बिजनेस जारी रखने की अनुमति दी गई तो इससे जनहित पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। 18 मई, 2022 तक DICGC ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त अनुरोध के आधार पर DICGC एक्ट, 1961 की धारा 18A के प्रावधानों के तहत कुल जमा राशि का 10.38 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है।'
RBI की प्रेस विज्ञप्ति :
RBI ने द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'कर्नाटक के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।'बयान में कहा गया है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की कोई संभावनाएं नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंकिग नियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रहा है।'
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