राज एक्सप्रेस। जहां, भारत से पहले कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें कई बड़े बिजनेसमैन भारतीय बैंकों को चूना लगाकर विदेश भाग गए हो। वहीं, अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। इस मामले में चूना लगाने वाली कंपनी है "रामदेव इंटरनेशनल लिमिटेड" और शिकार हुआ बैंक है 'स्टेट बैंक ऑफ़ ऑफ़ इंडिया' (SBI)। जी हां, SBI बैंक से जुड़ा एक और घोटाला सामने आया है। जिसमें घोटाले की रकम लगभग 400 करोड़ रुपये है।
क्या है मामला :
दरअसल, बासमती चावल का व्यापार करने वाली बड़ी कंपनी रामदेव इंटरनेशन लिमिटेड के मालिक पर आरोप लगा है कि, उन्होंने भारत के सबसे बड़े बैंक SBI समेत कई अन्य बैंकों से लगभग 400 करोड़ रुपये का लोन लिया था, लेकिन वह बिना उस लोन की राशि चुकाए चुपचाप विदेश भाग गया। हालांकि, इस मामले में किसी को कोई जानकारी नहीं थी इसलिए इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई, न ही चार सालों तक कोई शिकायत की गई, लेकिन अब इस मामले में कार्यवाही शुरू की गई तो, पता चला है कि कंपनी का मालिक विदेश भाग गया है।
SBI पर शुरू की गई कार्यवाही :
बताते चलें, इस मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा फरवरी में CBI से शिकायत की गई। तब CBI ने कंपनी के मालिक और उसके चार निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज कर 28 अप्रैल को कार्यवाही शुरू की। जांच में सामने आया कि, रामदेव कंपनी के मालिक ने SBI सहित अन्य 6 बैंकों से भी लोन लिया था और वह खुद साल 2016 से ही लापता ह। उसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। साथ ही साल 2016 में ही यह कंपनी NPA घोषित हो चुकी है।
कंपनी का कर्ज :
खबरों के अनुसार, रामदेव इंटरनेशन कंपनी पर कुल 414 करोड़ रुपये का कर्ज था। जो उसने कई बैंकों से उधार लिए हैं। इस रकम में निम्नलिखित बैंको की राशि शमिल है।
SBI बैंक - 173.11 करोड़ रुपये
केनेरा बैंक - 76.09 करोड़ रुपये
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया - 64.31 करोड़ रुपये
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया - 51.31 करोड़ रुपये
कारपोरेशन बैंक - 36.91 करोड़ रुपये
IDBI बैंक - 12.27 करोड़ रुपये
इनके खिलाफ दर्ज हुए मामले :
बताते चलें, CBI द्वारा रामदेव इंटरनेशन कंपनी के डायरेक्टर नरेश कुमार, सुरेश कुमार, संगीता और कुछ अन्य सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी समेत कई आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है।
SBI का कहना :
SBI का कहना है कि, साल 2016 में बैंक द्वारा किए गए ऑडिट में सामने आया है कि, इन सभी लोगों के अकाउंट में गड़बड़ी पाई गई थी। इतना ही नहीं बैंलेंस शीट में धोखाधड़ी और गैर कानूनी तरीके से प्लांट को हटा और मशीनरी को हटा दिया गया था, जिससे गैरकानूनी तरीके से बैंक फंड में लागत को काम किया जा सके। बैंक ने जब जांच की तो, कंपनी के सदस्य फरार थे।
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