राजीव जैन की GQG ने एक साल में दोगुना किया निवेश, कई क्षेत्रों में किया विस्तार

भारत में राजीव जैन की GQG का निवेश बढ़कर $11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। जीक्यूजी ने अडाणी समूह के शेयरों से आगे बढ़कर ऊर्जा, बैंक, रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में विस्तार किया है।
Rajiv Jain, GQG Partners
राजीव जैन, GQG PartnersRaj Express
Published on
Updated on
3 min read

हाईलाइट्स

  • राजीव जैन के नेतृत्व वाले जीक्यूजी ने अडाणी समूह की छह कंपनियों में निवेश से भारत में किया था प्रवेश

  • अडाणी समूह के अलावा जीक्यूजी ने ऊर्जा, बैंक, रियल एस्टेट जैसे दूसरे क्षेत्रों में भी जमकर निवेश किया है

  • राजीव जैन की जीक्यूजी की भारत में मौजूदगी का दायरा अब बढ़कर $11 बिलियन डॉलर तक पहुंच

राज एक्सप्रेस । भारत में राजीव जैन की GQG पार्टनर्स की उपस्थिति का दायरा $11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। जीक्यूजी ने हाल के दिनों में अडाणी समूह के शेयरों से आगे बढ़ते हुए ऊर्जा, बैंक, रियल एस्टेट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया है। राजीव जैन के पोर्टफोलियो में अब विविध प्रकार के स्टॉक शामिल हैं। अडाणी स्टॉक में अवसर को पहचानने में अपने साथियों से आगे रहने वाले स्टार निवेशक राजीव जैन, अब दलाल स्ट्रीट में सक्रिय हैं। पिछले एक वर्ष में उन्होंने कम से कम 8 गैर-अडाणी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है। जिसकी वजह से उनका पोर्टफोलियो बढ़कर $11 बिलियन डॉलर का हो गया है।

अडाणी समूह में निवेश के साथ किया था भारत में प्रवेश

पिछले साल मार्च में हिंडनबर्ग संकट के दौरान, जब कोई भी निवेशक अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश करने को तैयार नहीं था, तब राजीव जैन ने भविष्य का ठीक-ठीक अनुमान लगाते हुए अडाणी समूह की कंपनियों में $2 बिलियन डालर का निवेश कर सुर्खियों में जगह बनाई थी। राजीव जैन के निवेश से गौतम अडाणी को हिंडनबर्ग संकट से उबरने में बहुत मदद मिली थी। इसके बाद निवेशकों का अडाणी समूह के प्रति भरोसा लौट आया था। तब से, ही GQG हर तिमाही में न केवल अडाणी समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है, बल्कि ऊर्जा, बैंक, रियल एस्टेट, दूरसंचार, बुनियादी ढांचा और एफएमसीजी जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश करके विविधता ला रहा है।

6.5 बिलियन डालर हुआ अडाणी समूह में निवेश

फ्लोरिडा स्थित जीक्यूजी का अडाणी पोर्टफोलियो में निवेश की गई राशि अब कई गुना बढ़कर लगभग $6.5 बिलियन डालर हो चुकी है। जिसमें अडाणी समूह की छह कंपनियां अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर और अंबुजा सीमेंट्स जैसी छह कंपनियां शामिल हैं। मार्च तिमाही में भी, GQG ने अडाणी समूह की इन छह कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। माना जाता है कि जीक्यूजी ने अडाणी समूह की कंपनियों में लगभग $1 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया है। शेयरहोल्डिंग डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि राजीव जैन के भारतीय पोर्टफोलियो का मूल्य अब लगभग $11 बिलियन डॉलर तक जा पहुंचा है।

जीक्यूजी ने 15 भारतीय कंपनियों में किया निवेश

मार्च तिमाही के अंत तक, जीक्यूजी के पास कम से कम 14 भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी थी। जीक्यूजी ने बाद में, टेलीकॉम ऑपरेटर के एफपीओ में लगभग 1,347 करोड़ रुपये का निवेश करके वोडाफोन आइडिया को भी अपने पोर्टफोलियो में 15वीं कंपनी के रूप में शामिल किया गया। पिछले माह, इस विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने सिंगापुर टेलीकॉम्यूनिकेशंस (सिंगटेल) से लगभग 5,900 करोड़ रुपये में भारती एयरटेल में 0.8% हिस्सेदारी खरीदी थी। मार्च तिमाही में GQG ने जीएमआर एयरपोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5.13% , आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में बढ़ाकर 2.98% और जेडएसडब्ल्यू एनर्जी में बढ़ाकर 2.91% तक कर ली।

अडाणी से इतर अन्य कंपनियों में बढ़ाया निवेश

रियल एस्टेट में तेजी का फायदा उठाने वाली कंपनियों में से एक मैक्रोटेक डेवलपर्स को इस तिमाही में 1.3% हिस्सेदारी के साथ अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया गया। केवल दो कंपनियों आईटीसी (4 आधार अंक) और मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट (150 आधार अंक) में GQG ने अपनी हिस्सेदारी कम की है। आईटीसी अभी भी लगभग 14,600 करोड़ रुपये के मूल्य के साथ उनका सबसे बड़ा निवेश बना हुआ है। जीक्यूजी ने पिछले साल सितंबर तिमाही में अडाणी से परे दलाल स्ट्रीट पर बड़े कदम उठाना शुरू कर दिया था, जब उसने जेएसडब्ल्यू एनर्जी, पतंजलि फूड्स और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में हिस्सेदारी खरीदी थी।

मल्टी बैगर रिटर्न देंगी अडाणी की कंपनियां

जबकि जीक्यूजी नेजीएमआर को पिछले साल दिसंबर में अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा था। फंड मैनेजर के पास पहले एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और सन फार्मा में छोटी हिस्सेदारी थी, लेकिन वर्तमान स्वामित्व को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका क्योंकि कंपनियों को 1% से कम हिस्सेदारी वाले निवेशकों के नाम की रिपोर्ट करना अनिवार्य नहीं है। राजीव जैन ने पिछले साल कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि अडाणी कंपनियों में उनका निवेश पांच साल की अवधि में मल्टीबैगर रिटर्न देगा। राजीव जैन ने कहा था हमें निजी क्षेत्र के बैंक, आईटी और उपभोक्ता क्षेत्र पसंद हैं। लेकिन हमें लगता है कि बुनियादी ढांचा नई कहानी है और इसे अभी भी कम सराहा गया है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com