राजीव के हस्तक्षेप से निवेशकों का अडाणी समूह में लौटा भरोसा, जीक्यूजी ने दो दिन में कमाए 3102 करोड़ रुपये

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडाणी भारी संकट से घिर गए थे। ऐसे समय में राजीव जैन ने अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश कर अडाणी समूह की कंपनियों के प्रति लोगों का भरोसा कायम किया।
Rajeev Jain
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राज एक्सप्रेस, अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों के कारण अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे थे, कंपनी का मार्केट कैप 147 अरब डॉलर तक गिर गया था। गौतम अडाणी कारोबारी भविष्य पर सवाल उठाने लगे थे, तभी अमेरिकी बुटीक निवेश फर्म जीक्यूजी पार्ट्नर्स (जीक्यूजी) के राजीव जैन ने अडानी समूह की 4 कंपनियों में 15446 करोड़ निवेश कर स्थिति पलट दी। कंपनी के मालिक राजीव जैन ने अडाणी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन, अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी ट्रांसमिशन के शेयरों में भारी खरीदारी की। राजीव जैन ने जब अडाणी के शेयरों में निवेश करने का निर्णय लिया, तब अनेक लोगों ने समझाया कि वह अतिउत्साह में संकटग्रस्त कंपनी में पैसा न फंसाएं, लेकिन वह अपने निर्णय पर कायम रहे और अडाणी समूह की चार कंपनियों में 15446 करोड़ का निवेश कर दिया। इस कारोबारी चाणक्य के इस निर्णय का क्या मतलब था, यह अब लोगों को दिख रहा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडाणी भारी संकट से घिर गए थे और उनकी कंपनियों के शेयर लगातार नीचे जा रहे थे। ऐसे समय में राजीव जैन ने अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश कर न केवल अडाणी समूह की कंपनियों के प्रति लोगों का भरोसा कायम किया, बल्कि खुद भी अच्छा खासा लाभ कमाया। राजीव जैन के हस्तक्षेप के बाद अडाणी समूह के फिर से दिन बहुराने लगे हैं।

अडाणी के शेयरों में निवेश के लिए पांच साल किया इंतजार

राजीव जैन ने अडाणी के शेयरों में निवेश करने के लिए करीब 5 साल तक का इंतजार किया है। अडाणी के शेयरों की वैल्यूएशन को देखते हुए उन्होंने सही समय पर निवेश करने का निर्णय लिया। जैसे ही सही मौका आया, अडाणी के शेयरों की वैल्यूएशन गिरी राजीव जैन ने बिना देर किए 15446 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया। आपको बता दें कि जीक्यूजी पार्टनर्स इनवेस्टर्स फ़र्म है, जो क्लाइंट्स की ओर से बाज़ार में निवेश करती है। जीक्यूजी पार्टनर्स के लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के मुताबिक कंपनी क्लाइंट्स की 88 अरब डॉलर से अधिक की प्रॉपर्टी का प्रबंधन करती है। जीक्यूजी दुनियाभर में 800 से अधिक संस्थागत निवेशकों की संपत्ति को मैनेज करती है। अपने क्लाइंट्स के वित्तीय सलाहकार के तौर पर भी काम करती है। कंपनी के पोर्टफोलियो में पेट्रोब्रास से लेकर एक्सॉन, एनवीडिया, स्नोफ्लेक, भारती, आईटीसी और लोटे जैसे नाम शामिल हैं। अडानी के शेयरों में निवेश के लिए पांच साल इंतजार करने के बाद कंपनी ने दो दिन में ही बड़ा मुनाफा कमा लिया। 2 मार्च को कंपनी ने अडानी के शेयरों में निवेश किया और दो दिनों के भीतर 3100 करोड़ का मुनाफा कमा लिया। मुश्किल में अडानी समूह में निवेश कर राजीव जैन ने तगड़ी कमाई कर ली। ये कोई पहला मौका नहीं था, जब उन्होंने आपका में अवसर की तलाश की थी।

आपदा में अवसर तलाशने के माहिर हैं राजीव जैन

साल 1996 में जब आईटीसी टैक्स संकट के कारण मुश्किल दौर से गुजर रही थी, तो राजीव जैन ने आईटीसी के शेयरों में निवेश किया था। 20 सालों से आईटीसी में उनका निवेश है। खुद राजीव जैन ने कहा कि कई बार आपदा आपके लिए अवसर लेकर आती है। राजीव जैन इस अवसर का सही फायदा उठाना जानते हैं। आईटीसी ही नहीं ऐसे कई मौके आए, जब उन्होंने मुश्किल दौर से गुजर रही कंपनियों मे निवेश किया। इसी तरह से साल 2019 में जब इंफोसिस व्हिसलब्लोअर केस के कारण मुश्किल दौर से गुजर रहा था, उन्होंने वहां भी खरीदारी की थी। वह दौर था, जब इंफोसिस के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आ रही थी। इंफोसिस के शेयर 30 से 45 फीसदी तक गिर गए थे। इसी तरह से पेट्रोबार्स के शेयरों की खरीदारी की थी। राजीव जैन ने कंपनी पर करप्शन, टैक्स, राजनीतिक गतिरोध जैसी दिुक्कतों के बाद भी निवेश किया। कई बाद इस तरह से सौदे फायदे का डील साबित होते हैं तो कई बार कंपनी को नुकसान भी झेलना पड़ता है। अडाणी के मामले में जीक्यूजी को फिर तगड़ा फायदा हुआ है।

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