राज एक्सप्रेस। बीते महीने भारत में नई 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाए जाने की खबर सामने आई थी। इस बारे में जानकारी एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी थी। वहीं, अब देश में इस प्राइवेट ट्रेनों को चलाने की तैयारियां जोरों पर नजर आ रही है। इस बात का अंदाजा बुधवार को प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा की गई दूसरी प्री-अप्लीकेशन कॉन्फ्रेंस से लगाया जा सकता है। बताते चलें, इस कॉन्फ्रेंस में 23 कंपनियां भी शामिल हुई थी।
कंपनियों ने दिखाई रूचि :
दरअसल, रेलवे मंत्री पियूष गोयल द्वारा जानकारी देते समय प्राइवेट सेक्टरों की कंपनियों को मौका देने की भी बात कही गई थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन के लिए 23 कंपनियों ने अपनी रूचि दिखाई है। इस बारे में जानकारी देते हुए रेलवे ने बताया है कि, हालांकि अभी आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है परंतु इस मामले को लेकर हुई कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सभी कंपनियां भी उपस्थित रहीं और इन सभी कंपनियों ने अपनी रूचि 12 कलस्टरों में प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए दिखाई है।
इन कंपनियों में BEML, IRCTC, BHEL, अल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड, भारत फॉर्ग, बॉमबार्डियर ट्रांसपोर्ट इंजिया, CAF इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गेटवे रेल, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, हिन्द रेक्टिफायर लिमिटेड, आई-बॉन्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईआरसीटीसी लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जसन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मेधा, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड, पीएसजीजी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, आरके एसोसिएट्स एंड होटलियर्स प्राइवेट लिमिटेड, सीमेंस लिमिटेड, स्टरलाइट पावर और टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड भी शामिल हैं।
प्राइवेट निवेश के लिए पहली पहल :
भारतीय रेलवे ने जानकारी दी है कि, भारत में 151 ट्रेनों के संचालन कुल 109 मार्गों पर किया जाएगा। यह सभी पैसेंजर ट्रेन होंगी। इस बैठक के दौरान इन ट्रेनों के परिचालन के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए अनुरोध आमंत्रित किए गए हैं। ये सभी नई ट्रेनें पहले से चल रही ट्रेनों से अलग होंगी। रेलवे के इस प्रॉजेक्ट के लिए प्राइवेट निवेश के लिए यह पहली पहल है। एक अनुमान के द्वारा इस प्रॉजेक्ट से लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त किया जाएगा।
मीटिंग में क्या-क्या हुआ :
बताते चलें, इस कॉन्फ्रेंस बैठक में नई प्राइवेट ट्रेनों के संचालन को लेकर कंपनियों द्वारा किए गए आवेदन के अलावा क्लस्टर्स में फ्लेक्सिबिलिटी, पात्रता मानदंड, बोली प्रक्रिया, ट्रेनों की खरीद, ट्रेनों का किराया, संचालन और रख-रखाव सहित कई मामलों पर चर्चा की गई थी। रेल मंत्रालय ने बताया है कि, खरीदार प्राइवेट कंपनियों को गाड़ियों की खरीद को लेकर पूरी आजादी दी जाएगी। यह कंपनियां ट्रेनों को खरीद भी सकती है और लीज पर ले सकती हैं। इसके अलावा जो कंपनियां इन ट्रेनों का संचालन करेंगी उन्हें यात्रियों से लेने वाला किराया तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी।
प्राइवेट ट्रेनों का निर्माण :
सरकार द्वारा हुई मीटिंग के दौरान हुई चर्चा से जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार भारत में यह प्राइवेट ट्रेनें मार्च 2023 से चलना शुरू हो जएंगी। क्योंकि, इसके लिए मार्च 2021 तक टेंडर फाइनल कर दिए जाएंगे। बताते चलें, नई प्राइवेट ट्रेनों का निर्माण कार्य मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही किया जाएगा। इन ट्रेनों में इलेक्ट्रॉनिक स्लाइडिंग दरवाजे, सुरक्षा कांच के साथ खिड़कियां, आपातकालीन टॉक-बैक तंत्र, यात्री निगरानी प्रणाली और सूचना एवं गंतव्य बोर्ड होने की संभावना है। क्योंकि, रेलवे द्वारा प्राइवेट ऑपरेटरों से इन सुविधाओं की मांग की है।
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