रेलवे के प्राइवेटाइजेशन पर उठ रहे सवालों पर रेल मंत्री गोयल ने दिए जवाब

देश में हो रहे प्राइवेटाइजेशन के बीच यह सवाल उठ रहे थे कि, कहीं रेलवे का भी तो प्राइवेटाइजेशन नहीं हो जाएगा। इन सब सवालों का जबाव रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को देते हुए सबकी गलतफहमी दूर की।
रेलवे के प्राइवेटाइजेशन पर उठ रहे सवालों पर रेल मंत्री गोयल ने दिए जवाब
रेलवे के प्राइवेटाइजेशन पर उठ रहे सवालों पर रेल मंत्री गोयल ने दिए जवाबKavita Singh Rathore -RE
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राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय से देश में कई क्षेत्रो में प्राइवेटाइजेशन हुआ है। इनमे भारत के कई एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन की खबर सामने आई थी। यहाँ तक की सरकार का विचार बैंको के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बन रहा है। इसी बीच लोगों के मन में यह सवाल आने लगा कि, कहीं रेलवे का भी तो प्राइवेटाइजेशन नहीं हो जाएगा। इन सब उठ रहे सवालों का जबाव मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिया और सबकी गलतफहमी दूर की।

रेलवे मंत्री ने दिया स्पस्टीकरण :

दरअसल, भारत में लगातार हो रहे प्राइवेटाइजेशन के चलते और कुछ प्राइवेट ट्रेनों के चलने से रेलवे को लेकर सवाल उठ रहे थे। कि, कहीं सरकार रेलवे का भी तो प्राइवेटाइजेशन नहीं करने का विचार बना रही है। इन सब पर रेल मंत्री पियूष गोयल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि, 'भारतीय रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा। यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, रेलवे के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, ऐसे कार्यों के लिए निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा।'

लोकसभा में कही यह बात :

बताते चलें, मगलवार को रेल मंत्री पियूष गोयल ने लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा करते हुए जवाब में यह सभी बातें कहीं। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि, 'दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सांसद प्राइवेटाइजेशन और कॉर्पोरेटाइजेशन का आरोप लगाते हैं। भारतीय रेल का कभी प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि, रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा। सड़कें भी सरकार ने बनाई है तो क्या कोई कहता है कि इस पर केवल सरकारी गाड़ियां चलेंगी। सड़कों पर सभी तरह के वाहन चलते हैं तभी प्रगति होती है और तभी सभी को सुविधाएं मिलेंगी।'

रेल मंत्री गोयल ने उठाए सवाल :

रेल मंत्री गोयल ने लोकसभा में कई मुद्दों पर बात करते हुए सवाल उठाते हुए कहा कि, 'तो क्या रेलवे में ऐसा नहीं होना चाहिए? क्या यात्रियों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। मालवाहक ट्रेनें चलें और इसके लिए अगर प्राइवेट क्षेत्र निवेश करता है तो क्या इस पर विचार नहीं होना चाहिए। पिछले सात वर्षों में रेलवे में लिफ्ट, एस्केलेटर एवं सुविधाओं के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किए गए। यदि हमें अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत धन की आवश्यकता होगी।'

रेल मंत्री गोयल का कहना :

अमृतसर के लिए हुए निवेश की बात करते हुए रेल मंत्री गोयल ने कहा कि, 'अमृतसर के लिए 230 करोड़ रुपये के निवेश के साथ योजना बनाई गई है। ऐसे 50 स्टेशनों का मॉडल डिजाइन तैयार किया गया है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के लिए व्यापक निवेश किया जा रहा है। अगर प्राइवेट निवेश भी आए तो देश हित में, यात्रियों के हित में है। निजी क्षेत्र जो सेवाएं देगा, वे भारतीय नागरिकों को मिलेंगी। रोजगार मिलेंगे। देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।'

सरकार और प्राइवेट क्षेत्र मिलकर करेंगे काम :

पियूष गोयल ने कहा, 'सरकार और प्राइवेट क्षेत्र जब मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में सफल होंगे। पिछले साल सितंबर से इस साल फरवरी तक छह महीने में देश में रेलवे ने हर महीने जितनी माल ढुलाई की है, वह भारतीय रेल के इतिहास में सर्वाधिक है।

गौरतलब है कि, पिछले साल के दौरान कई एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन हुए है इसके अलावा सरकार बैंको के प्राइवेटाइजेशन पर मन बना रही है। जिसके चलते बैंकों के कर्मचारियों को सरकार के प्रति गुस्सा है और वह देशभर में हड़ताल कर रहे हैं। बताते चलें, किसी संस्था का प्राइवेटाइजेशन हो जाने के बाद उसका संचालन प्राइवेट कंपनियों के हाथ में चला जाता है और वेह ही उसकी देख रेख करती है। इसके लिए कई बार नीलामी की प्रक्रिया अपने जाती है।

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