रेलवे के निजीकरण को लेकर फैल रही अफवाहों पर बोले रेल मंत्री गोयल

हाल ही में रेलवे के निजीकरण को लेकर अफवाहें फैल रही थी, जिसको साफ़ करते हुए भारतीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में सही जानकारी दी। साथ ही कई ट्रेनों के निजीकरण से जुड़ी जानकारी भी दी।
Railway Minister gave information related to railways privatization
Railway Minister gave information related to railways privatizationKavita Singh Rathore -RE
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हाइलाइट्स :

  • रेलवे के निजीकरण को लेकर फैल रही है अफवाहें

  • भारतीय रेलवे भारत और देशवासियों की संपत्ति है

  • हमारा मकसद यात्रियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना है

राज एक्सप्रेस। हाल ही में रेलवे के निजीकरण को लेकर अफवाहें फैल रही थी, जिसको साफ़ करते हुए भारतीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि, सरकार का फिलहाल रेलवे का निजीकरण करने का कोई विचार नहीं है यहाँ तक कि, इसके लिए अभी तक कोई प्रस्ताव भी नहीं बना है। रेल मंत्री गोयल ने यह जानकारी लोकसभा में साँझा की। इसके अलावा उन्होंने कई ट्रेनों से जुड़ी जानकारी भी दी।

कुछ ट्रेनों के निजीकरण का प्रस्ताव :

रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि, रेलवे की तरफ से निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है। हां लेकिन, हाल ही में कुछ ट्रेनों का निजीकरण करने का प्रस्ताव रखा गया है। इन ट्रेनों का निजीकरण भी कॉमर्शियल और ऑन बोर्ड सेवाओं का आउटसोर्स करने के लिए किया गया है। इसके अलावा ऐसा करने से यात्रियों को यात्रा के दौरान और भी बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन्हीं उदेश्यों के चलते कुछ ट्रेनों का कुछ चुनिंदा मार्गों पर यात्रा के लिए आधुनिक रैकों को शामिल करने को लेकर निजी कंपनियों को अनुमति देने का प्रस्ताव रखा गया है।

ट्रेन के परिचालन और संरक्षा प्रमाणन का जिम्मेदार रेलवे :

पीयूष गोयल ने संसद में इस बारे में भी जानकारी दी कि, ऐसे हालातों में भी ट्रेन का परिचालन और संरक्षा प्रमाणन का जिम्मेदार रेलवे ही रहेगा। इसके अलावा ‘‘साफ-सफाई और अन्य सेवाओं में सुधार करने के लिए स्टेशन की सफाई, पे एंड यूज शौचालय, विश्राम कक्षों, पार्किंग तथा प्लेटफार्म के रखरखाव जैसी सेवाओं का आउटसोर्स जरूरत को देखते हुए किया जा रहा है।

सवाल का दिया यह जवाब :

शीतकालीन सत्र के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल से एक सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि, रेलवे का संचालन करने के लिए अगले 12 साल में अनुमानित के तौर पर 50 लाख करोड़ रुपये की पूंजी की आवश्यकता होगी जो, सरकार अकेले नहीं जुटा पाएगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही इस तरह के फैसले लिए गए हैं। इसके अलावा राज्यसभा की बैठक के दौरान गोयल ने कहा था कि, "हमारा मकसद यात्रियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करना और अधिक फायदा देना है, न कि रेलवे का निजीकरण करना। भारतीय रेलवे भारत और देशवासियों की संपत्ति है और आगे भी हमेशा रहेगी"।

वित्त मंत्री ने किया था बजट में यह ऐलान :

दरअसल, लोगों में रेलवे के निजीकरण को लेकर अफवाहें इसलिए फैल रही हैं क्योंकि, भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2020 को बजट पेश करने के दौरान संसद में कहा गया था कि, रेलवे 150 ट्रेनों को पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप (PPP) के तहत चलाएगा। साथ ही उन्होंने तेजस ट्रेन को चलने की बात भी कही थी जो, एक प्राइवेट ट्रेन है। हालांकि, उन्होंने इस ट्रेन को चलने के पीछे का मकसद कई पर्यटक स्थलों को जोड़ने का बताया था।

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