राज एक्सप्रेस। भारत में ब्रॉडबैंड और वीपीएन सर्विस प्रदान करने वाली सरकारी प्रमुख कंपनी RailTel को भारतीय रेल की एक परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य सौंपा गया है। इस कार्य के तहत RailTel रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (VSS) लगाने का कार्य करेगी।
RailTel स्टेशनों पर VSS के लिए की एजेंसियों की नियुक्ति :
दरअसल, केंद्रीय सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के एक उपक्रम, मिनी रत्न कहे जाने वाले RailTel को भारतीय रेल द्वारा सौंपी गई परियोजना के रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (VSS) लगाने का कार्य करना होगा। इसे सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क भी कहा जा सकता है। यह कार्य बुधवार से शुरू कर दिया गया है और इस कार्य के लिए एजेंसियों को नियुक्त करके एक बड़ा कदम उठाया गया है। यह परियोजना का पहला चरण है जिसमें ए1, बी एवं सी श्रेणी के 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों (स्टेशनों की सूची संलग्न है) को शामिल किया जाएगा। यह कार्य जनवरी, 2023 तक पूरा होने की सम्भावना जताई जा रही है।
रेल मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्र :
बताते चलें, रेल मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक यात्रियों की सुरक्षा है। रेलवे स्टेशनों, जो परिवहन के प्रमुख केंद्र हैं, पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए, भारतीय रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जिसके अंतर्गत प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश / निकास, प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए कार्यों को मंजूरी दी है।
रेल मंत्री का कहना :
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "हमें रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है, जैसे कि रोलिंग स्टॉक, निर्माण, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, या ऐसी स्तिथियों में जहां मानव इंटरफ़ेस हो।"
RailTel के अध्यक्ष ने दिया आश्वासन :
इस मामले में RailTel के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती अरुणा सिंह ने आश्वासन दिया कि, 'निष्पादन एजेंसियों को नियुक्त कर देने के साथ, परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आएगी। इस प्रोजेक्ट में सबसे आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। यह VSS सिस्टम IP बेस्ड होगा तथा इसमें CCTV कैमरों का एक नेटवर्क होगा। ये CCTV कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल पर काम करेंगे और CCTV कैमरों की वीडियो फीडिंग न केवल स्थानीय आरपीएफ पोस्टों पर बल्कि मंडल और जोनल स्तर पर सेंट्रलाइज सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित की जाएगी।'
उन्होंने आगे बताया कि, 'स्टेशनों पर लगे CCTV कैमरे और वीडियो फीड को इन 3 स्तरों पर मॉनिटर किया जाएगा ताकि रेलवे परिसरों की संरक्षा और सुरक्षा में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सके। इस सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इनेबल वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और फेसियल रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर काम करता है जिससे जाने-पहचाने अपराधियों का स्टेशन परिसरों में आने पर, उनका पता लगाने तथा उसका अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी। कैमरों, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की मॉनिटरिंग के लिए नेटवर्क मेनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) की व्यवस्था भी की गई है जिसे किसी भी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किसी भी वेब ब्राउज़र के माध्यम से देखा जा सकता है।'
4 प्रकार के IP कैमरे :
जानकारों की मानें तो, 4 प्रकार के IP कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि रेलवे परिसरों के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सके। इनमें डॉम टाइप, बुलेट टाइप, पैन टिल्ट ज़ूम टाइप और अल्ट्रा एचडी-4के शामिल है। इससे रेल सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक तरह की अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकेगी। कार्यान्वित प्रणाली, परिस्थितियों/घटनाओं का प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उपकरण के रूप में कार्य करेगी एवं तेजी से निर्णय लेने में सहायता करेगी ।
POP UP दृश्य के साथ विशेषताएं :
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) enabled एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर में एक निश्चित अलार्म और ऑपरेटर के अंत में POP UP दृश्य के साथ विशेषताएं हैं:
घुसपैठ का पता लगाना
कैमरा छेड़छाड़
Loitering डिटेक्शन
मानव और वाहन का पता लगाना
विशेषता के आधार पर मनुष्यों की खोज
रंग खोज
नीचे गिरा हुआ व्यक्ति।
संयुक्त खोज (मानव/वाहन और रंग)
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।