राज एक्सप्रेस। बीते कई समय से ICICI बैंक और वीडियोकॉन (ICICI Bank- Videocon) मामले के चलते विवादों में घिरीं ICICI बैंक की पूर्व MD और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चंदा कोचर एक बार फिर चर्चा में नजर आ रही हैं। हालांकि, अब उनकी मुश्किलें कम होती नजर आ रही है, क्योंकि, प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के स्पेशल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।
PMLA कोर्ट ने दी जमानत :
दरअसल, ICICI बैंक की पूर्व MD और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चंदा कोचर को काफी कोशिशों के बाद स्पेशल प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के स्पेशल कोर्ट की तरफ से जमानत मिल ही गई। कोर्ट ने उन्हें यह जमानत 5 लाख रुपए के बॉन्ड पर दी है। साथ उनके लिए कुछ आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के अनुसार, चंदा कोचर बिना कोर्ट की अनुमति से देश छोड़ कर या देश से बाहर कही भी नहीं ना जा सकती है। ICICI बैंक और वीडियोकॉन लोन मामले की सुनवाई आज यानी शुक्रवार को मुंबई PMLA कोर्ट में हुई। जहां, चंदा कोचर पेश हुई थीं। वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान उन्हें यह राहत की खबर मिली।
PMLA कोर्ट का कहना :
बताते चलें, फरवरी की शुरुआत में ही एक स्पेशल PMLA कोर्ट ने कहा था कि, 'ED की तरफ से पेश सबूत कोचर और दूसरे लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त हैं।' बताते चलें, प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के स्पेशल कोर्ट ने 30 जनवरी को चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और कुछ अन्य लोगों को समन भेज कर पूछताछ की थी। बताते चलें, चंदा कोचर उस कमेटी का हिस्सा रह चुकी है, जिसने बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ का लोन देने की मंजूरी दी थी। जो कि, बैंक के नियमों का उल्लंघन करना कहलाता है।
PMLA कोर्ट के जज की सुनवाई :
स्पेशल PMLA कोर्ट के जज 'एए नंदगांवकर' ने सुनवाई के दौरान कहा, "PMLA के तहत रिकॉर्ड बयानों और लिखित शिकायतों से यह पता चलता है कि चंदा कोचर ने अपने ऑफिशियल पोजीशन का गलत इस्तेमाल करके धूत और उनके वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था। साथ ही चंदा कोचर को अपने पति की कंपनियों के जरिए पैसों की हेराफेरी करने का भी फायदा हुआ।" बता दें, स्पेशल कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान चंदा कोचर सहित सभी आरोपियों को 12 फरवरी को पेश होने के आदेश जारी किए थे। साथ ही उस समय सुप्रीम कोर्ट ने चंदा कोचर की याचिका खारिज कर दी थी जो उन्होंने बर्खास्तगी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।
विस्तार से पूरा मामला?
दरअसल वीडियोकॉन ग्रुप ने साल 2012 में ICICI बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन की मांग की थी। इस लोन के लिए वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने साल 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। ध्यान रहें, NRPL कंपनी वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर व उनके दो अन्य रिश्तेदारों ने साथ मिलकर शुरू की थी। अब इस मामले में चंदा कोचर पर आरोप यह लगे हैं कि, उन्होंने इस कंपनी के लिए ICICI बैंक से लोन दिलवाने के लिए फर्जीवाड़ा किया है। गौरतलब है कि, वीडियोकॉन कंपनी द्वारा लिया गया यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का ही एक हिस्सा था, जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने SBI के नेतृत्व में कुल 20 बैंकों से लिया था।
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