राज एक्सप्रेस। जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से देश में डिजिटलाइज़ेशन काफी तेजी से बढ़ा है। चाहे वो किसी भी क्षेत्र में हो। आज बड़े देशों के साथ ही भारत में भी ई-मार्केट का क्रेज काफी बड़े स्तर पर नजर आरहा है। साथ ही पेमेंट और मनी ट्रांफर करने के लिए भी सबसे लोकप्रिय तरीका डिजिटल या ऑनलाइन पेमेंट ऐप को दी जा रही है। यदि आप भी डिजिटल पेमेंट ऐप इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, तो जरा रुकिए, ये खबर आपके काम की हो सकती है। क्योंकि, मोदी सरकार ने एक नया डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म 'ई-रुपी' (e-RUPI) लांच किया है।
आज लांच हुआ भुगतान प्लेटफॉर्म e-RUPI :
दरअसल, पिछले कई सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को डिजिटल बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। जो कि एक ई-वाउचर-आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्यून e-RUPI है। इसको लांच करने का उदेश्य डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित और बहुत आसान बनाना है। बता दें, e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स (NPCI) कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर तैयार किया है। इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है।
क्या है e-RUPI :
जानकारी के लिए बता दें, प्रधानमंत्री द्वारा लांच किया गया e-RUPI एक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है। यह पूरी तरह से कैशलेस व कॉन्टेक्टलेस (संपर्करहित) प्लेटफॉर्म है। इसके इस्तेमाल से डिजिटल भुगतान और लेनदेन काफी सुरक्षित है। साथ ही यह डिजिटल प्लेटफॉर्म सुनिश्चित करेगा कि, लेनदेन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। इसके कई फायदे भी हैं। जैसे कि,
यूजर्स इस प्लेटफॉर्म की मदद से अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम है।
e-RUPI बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से यूजर्स के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है।
इस प्लेटफॉर्म पर लेनदेन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाएगा।
प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव होगा।
यह डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल हो सकता है।
इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है।
प्राइवेट सेक्टर भी e-RUPI का इस्तेमाल अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर के तौर पर कर सकते हैं।
कैसे करेगा काम?
बताते चलें, e-RUPI एक प्रीपेड ई-वाउचर है। इसका इस्तेमाल यूजर्स QR कोड या SMS स्ट्रिंग के आधार पर कर सकते हैं, जिसे यूजर्स के मोबाइल फोन पर पहुंचाया जाता है। यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को भुनाने की अनुमति देगा
प्रधानमंत्री ने दी जानकारी :
इस ई-वाउचर को लांच करने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, 'आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। ई-रुपी वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, डीबीटी को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। इससे टार्गेटेड, ट्रांस्पेरेंट और लीकेज फ्री डिलिवरी में सभी को बड़ी मदद मिलेगी। सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।'
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