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पेटीएम ने लांच किया 999 रुपये का साउंडबॉक्स, अब मोबाइल फोन-कार्ड दोनों तरह से भुगतान करना संभव

पेटीएम साउंडबाक्स व्यापारियों को वीजा, मास्टर कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस और घरेलू कार्ड नेटवर्क रूपे पर मोबाइल और कार्ड दोनों से पेमेंट करने की सुविधा देता है।
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हाईलाइट्स

  • पेटीएम की इस डिवाइस में धोखाधड़ी को रोकने के लिए इंस्टेंट ऑडियो पेमेंट अलर्ट की सुविधा भी दी गई है

  • 2016 में आरबीआई द्वारा कुछ हाई वैल्यू करेंसी नोटों पर बैन लगाने के बाद बढ़ गया था डिजिटल भुगतान, पेटीएम को मिली लोकप्रियता

राज एक्सप्रेस । भारत की फिनटेक कंपनी पेटीएम ने सोमवार को एक साउंडबाक्स डिवाइस लॉन्च की है। यह डिवाइस व्यापारियों को वीजा, मास्टर कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस और घरेलू कार्ड नेटवर्क रूपे पर मोबाइल और कार्ड दोनों से पेमेंट करने की सुविधा प्रदान करता है। पेटीएम के इस साउंडबॉक्स की कीमत 999 रुपये (12.08 डॉलर) है। इस डिवाइस में भी धोखाधड़ी को रोकने के लिए इंस्टेंट ऑडियो पेमेंट अलर्ट की सुविधा भी दी गई है। उल्लेखनीय है कि पेटीएम ने यह पहल ऐसे समय में की है, जब प्रतिद्वंद्वी पाइन लैब्स ने नियमित प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनल की लागत की लगभग एक तिहाई कीमत पर इसी तरह के एक डिवाइस को लॉन्च किया है।

नोटबंदी के बाद पेटीएम को मिली लोकप्रियता

वर्ष 2016 में आरबीआई द्वारा कुछ हाई वैल्यू करेंसी नोटों पर बैन लगाने के बाद डिजिटल भुगतान बढ़ने के कारण पेटीएम की लोकप्रियता काफी बढ़ गई। भारत में पेटीएम की सीधी टक्कर गूगल पे और वॉलमार्ट के फोनपे से है। आज सब्जी विक्रेताओं से लेकर बड़े व्यापारियों के हर वर्ग ने डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने की शुरुआत कर दी है। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को एक बयान में बताया कि हमने पाया कि व्यापारियों और उपभोक्ताओं को पेटीएम क्यूआर कोड के साथ मोबाइल भुगतान की तरह ही कार्ड से भुगतान करने की सुविधा की जरूरत है। इससे पहले, पेटीएम की प्रतिद्वंद्वी पाइन लैब्स ने कहा था कि उसके कम कीमत वाले प्रोडक्ट (साउंडबॉक्स) से भारत में डिजिटल पेमेंट अपनाने को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

डिजिटल मुद्रा
डिजिटल मुद्रा

एसबीआई ने भी सीबीसीडी पर शुरू की यूपीआई सेवा

एसबीआई ने आज यानी 4 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) इंटरऑपरेबिलिटी की सुविधा शुरू कर दी है। एसबीआई दिसंबर 2022 में आरबीआई की रिटेल डिजिटल ई-रुपी प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले पहले कुछ बैंकों में से एक था। स्टेट बैंक से पहले यस बैंक और एक्सिस बैंक ने भी सीबीडीसी ऐप पर मोबाइल डिजिटल रुपए नाम से यूपीआई इंटरऑपरेबिलिटी की शुरुआत की थी।

जाने क्या है आरबीआई की डिजिटल करेंसी?

यह फिएट मुद्रा (जैसे रुपया, डॉलर या यूरो) का एक डिजिटल वर्जन है। इसे आरबीआई जारी करता है, साथ ही इसकी गारंटी भी देता है। यह फिएट मुद्रा के साथ वन टू वन विनिमय योग्य है। यह प्राइवेट मनी के मौजूदा रूपों जैसे ई-मनी (प्रीपेड वॉलेट में संग्रहीत मनी) या बैंक डिपॉजिट/जमा, जिसे कार्ड या मोबाइल पेमेंट सिस्टम का उपयोग करके ट्रांसफर किया जा सकता है, से यह अलग होगा। लेकिन यहां ध्यान देने की बात है कि सीबीडीसी निजी संस्थाओं द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसी से काफी अलग है। क्रिप्टोकरेंसी किसी की देनदारी नहीं है, जबकि इसके ठीक विपरीत सीबीडीसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होगी।

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