IMF सख्त पाकिस्तान पस्त, पाक सरकार करेगी सरकारी कर्मियों के वेतन में कटौती
पाकिस्तान, दुनिया। पाकिस्तान के हाल पहले ही कर्ज के चलते काफी ख़राब हैं। इतना ही नहीं पाक को दुनियाभर के देशों में सबसे गरीब देश के तौर पर ही जाना जाता है। पाक पर अन्य देशों का पहले ही काफी कर्ज है। ऐसे में पिछले दिन बिजली संकट के चलते पाक को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं, अब पाक सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला लेने की खबर सामने आई हैं। इस फैसले के तहत पाकिस्तान की सरकार द्वारा गठित NAC मितव्ययिता समिति अब सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10% की कटौती एवं अन्य संसाधनों पर भी कटौती करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
पाकिस्तान करेगा कई मंत्रियों की छंटनी :
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पास वेतन देने के लिए भी अब पैसा नहीं बचा है। इसलिए, पाकिस्तान को कई विभागों में कर्मचारियों संघीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों की संख्या 78 से घटाकर केवल मात्र 30 करने का विचार कर रही है।
पाकिस्तान कई क्राइसिस से जूझने पर मजबूर :
पाकिस्तान फूड क्राइसिस एवं बिजली संकट से पहले से ही जूझ रहा है, ऐसे में पाकिस्तान में गेहूं, आटा, दाल, टमाटर, अदरक सहित कई अन्य खाने की चीजें आसानी से बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। इस कारण अनाज एवं सब्जी-भाजी के दाम भी बढ़ते हुए अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तान का रुपया डॉलर की तुलना में अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है। पाकिस्तानी रुपये की कीमत 230 पाकिस्तानी रुपए हो चुकी है। पाक में इस तरह के गंभीर हालातों से लोग काफी परेशान हैं।
पाकिस्तान में खाने को लेकर हो रही मारा मारी :
हाल ही में कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि, लोग खाने के लिए आटे की बोरी के लिए आपस में लड़ रहे थे। वहीँ, कुछ दिनों पहले ऐसी भी खबर आई थी कि, आटे की बोरी की मारा मारी के बीच में एक हिंदू आदमी की भी मृत्यु हो गई। पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी भुखमरी के दरवाजे पर खड़ी है। पाकिस्तान के पोर्ट पर कई जहाज खड़े हुए हैं जिनमें सब्जी-भाजी अनाज एवं अन्य उपयोगी वस्तुएं हैं। किंतु विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आ जाने के कारण पाकिस्तान के पास उन्हें देने के लिए नगदी पैसा नहीं है।
यूएन भी मांग चुका है पाकिस्तान के लिए मदद :
बताते चलें, पाकिस्तान के पास अभी जो विदेशी मुद्रा भंडार है, उसमें 3 बिलियन डॉलर सऊदी अरबिया का दिया हुआ है, जिसका इस्तेमाल करने की इजाजत पाकिस्तान को नहीं है एवं दो बिलयन डॉलर चाइना के हैं और चाइना ने भी इन पैसों को निकालने की अनुमति नहीं दी है। पाकिस्तान के लिए यूएन में आपातकाल राशि एकत्रित की गई थी, जिसमें से लगभग 3 से 4 साल के बीच में 15–20 बिलियन आने की उम्मीद है, लेकिन यह पैसा पाकिस्तान को एक साथ नहीं मिलेगा ।
पाकिस्तान नहीं कर पा रहा है शर्ते पूरी :
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि, इस आर्थिक संकट की घड़ी में पाकिस्तान को IMF से राहत मिल जाएगी, लेकिन IMF की कठोर शर्तें पाकिस्तान पूरी नहीं कर पा रहा है। इस कारण IMF पाकिस्तान को लोन देने से कतरा रहा है। IMF का कहना है कि, 'पाकिस्तान अगर उनकी सारी शर्तें पूरी कर पाता है तभी उसको आईएमएफ लोन देगा।'
IMF सख्त पाकिस्तान पस्त :
सूत्रों के अनुसार, सरकार मितव्ययिता पर सिफारिशों का अंतिम रूप देकर IMF से एक और किश्त लेना चाहती है और IMF की बताई शर्तो पर पाकिस्तान अमल करने में इच्छुक दिखाई नही दे रहा है। पाकिस्तान को IMF से छह अरब डॉलर मिलना है, जिसके बदले IMF द्वारा रखी गई शर्त पाकिस्तान अभी तक पूरी नही कर पाया है। गत वर्ष से IMF के इस प्लान को पुनः शुरू किया गया है किंतु IMF की कठिन शर्तो के चलते पाकिस्तान की सरकार पूरा करने में नाकाम हो रही है।
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