Apple के बाद अब Oracle Corp ने रूस में बंद किए अपने सभी ऑपरेशन

अमेरिका एक के बाद एक कई प्रतिबंध रूस पर लगा चुका है। साथ ही कई अमेरिकी कंपनियां भी रूस पर प्रतिबंध लगाने से बाज नहीं आरही हैं। इसी कड़ी में अब अमेरिकी कंपनी Oracle Corp ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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रूस-अमेरिका। पिछले दिनों रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लग चुके हैं और यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के चलते जो देश सबसे ज्यादा रूस के खिलाफ कदम उठा रहा है वह अमेरिका है। जी हां, अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच जारी इस युद्ध के चलते यूक्रेन के प्रति संवेदना रखते हुए रूस को बिल्कुल को अपना दुश्मन मान बैठा है। क्योंकि, अमेरिका एक के बाद एक लगातार कई प्रतिबंध रूस पर लगा चुका है। अमेरिका के साथ ही अमेरिका की कई कंपनियां भी रूस पर प्रतिबंध लगाने से बाज नहीं आरही हैं। इसी कड़ी में अब एक और अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी Oracle Corp ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

एक और अमेरिकी कंपनी का रूस के खिलाफ कदम :

दरअसल, यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के दिन प्रतिदिन गंभीर रूप लेती जा रही है। जिससे कई देश बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन का सपोर्ट कर रहे कई देश (NATO) में शामिल अमेरिका रूस के खिलाफ धड़ाधड़ कड़े फैसले लेते हुए रूस पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगाता जा रहा हैं। अमेरिका और अमेरिकी कंपनियां ऐसा रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए इस तरह के कदम उठा रहा हैं। जिससे रूस घुटने टेक दे। अब तक रूस पर कई तरह के साइबर और आर्थिक प्रतिबंध लग चुके हैं। कई कंपनियों ने अपने प्रॉडक्ट और सेवाएं देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में Apple के बाद अब बिजनेस सॉफ्टवेयर जायंट Oracle Corp (ORCL.N) ने भी अपने सभी ऑपरेशन रूस में बंद कर दिए हैं।

Oracle के साथ ही SAP ने भी लगाए प्रतिबंध:

Oracle Corp का कहना है कि, कंपनी अपने सभी ऑपरेशन रूस में बंद कर रही है। यह प्रतिबंध कंपनी ने तब लगाया है जब यूक्रेन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मिनिस्टर ने ट्वीट करके Oracle और SAP को सपोर्ट करने के मदद की गुहार लगाई थी। Oracle की प्रतिद्वंदी कंपनी SAP ने भी रूस में अपनी सेल्स को बंद कर दिया है। SAP ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि, 'शांति को फिर बहाल करने के लिए रूस पर इकोनॉमिक सेंक्शन लगाना जरूरी है।' जबकि, इस प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव Christian Klein ने कहा है कि, 'यूक्रेन में मानवीय मदद के लिए 1 मिलियन यूरो की मदद दे रहा है। इसके अलावा वो यूरोप में अपने ऑफिस स्पेस को वेयरहाउसिंग और रिफ्यूजी के लिए कन्वर्ट कर रहा है।

अब तक लग चुके कई प्रतिबंध :

बताते चलें, रूस को कमजोर करने के लिए अब तक अमेरिका, अमेरिकी कंपनी Apple, दुनिया का सबसे बड़े सर्च इंजन Google, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook और YouTube कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके है। वहीं, अब अमेरिका ने एक और नया कदम उठाते हुए रूस के लिए अपना एयर स्पेस (हवाई क्षेत्र) भी बंद कर दिया है। वहीं, अब अन्य अमेरिकी कंपनियां भी अपनी सेवा देने पर प्रतिबंध लगाती नजर आई।

रूस पर इन प्रतिबंधों का असर :

बता दें, जिस तरह के प्रतिबंध यह देश और कंपनियां रूस पर लगा रही है। उससे देश की इकोनॉमी पर भारी असर पड़ता है और वह आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता है। इन सेवाओं के आभाव में देश की जनता परेशान हो जाती है। इस समय इन देशों का मकसद यही है कि, रूस की जनता परेशान होकर सरकार का विरोध करे और सरकार इस युद्ध को रोक दें। हालांकि, रूस के मामले में यह सोचना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि, पुतिन एक बार कदम बढ़ाने के बाद पीछे नहीं हटाते हैं।

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