हाईलाइट्स –
भारत में बढ़ते ओमिक्रॉन के अप्रत्यक्ष खतरे!
ट्रैवल, टूरिज्म, होटल कारोबार फिर संकट में!
ईयर एंडिंग और न्यू ईयर प्लानिंग्स पर असमंजस!
राज एक्सप्रेस। कोविड-19 (covid-19) के कारण साल 2020 दुनिया भर के लिए जीवन मौत के खतरे के साये में गुजरा, तो वर्ष 2021 में कोरोना वायरस डिजीज (coronavirus disease/covid-19) के संकट से उबरने के बीच अब ओमिक्रॉन (Omicron) का खतरा गहरा रहा है।
दुनिया; खास तौर पर भारत के लोग साल 2020 के उस दौर को अब तक नहीं भूले हैं जब जानलेवा कोरोना वायरस के कारण देश में वाहनों के चके रुक गए थे, ट्रेनों के पहिये थम गए थे और होटल, दफ्तर, दुकान पर ताला जड़ा नजर आ रहा था।
साल 2019 में खोजे गए कोविड-19 के नित नए रूपों के कारण इसके (covid-19) नये वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने तमाम राष्ट्रों की परेशानी फिर बढ़ा दी है। घातक माने जा रहे कोविड-19 के नये स्वरूप ओमिक्रॉन के कारण पिछले कुछ दिनों में वेस्टर्न कंट्रीज़ से लेकर एशियाई मुल्कों में भी ओमिक्रॉन की वजह से लोगों की मौत की पुष्टि आधिकारिक एवं मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर हुई हैं।
कयास यह भी - ओमिक्रॉन के कारण कुछ राष्ट्रों ने अन्य देशों से आने वाले लोगों के लिए अपने देश में प्रवेश के नियमों को सख्त कर दिया है। इससे कयास लग रहे हैं कि कहीं भविष्य में एक बार फिर से एहतियातन पूर्णतः तालाबंदी (Total Lockdown) के आदेश न लागू करना पड़ें। यदि भारत में ऐसा होता है, तो इसका असर ट्रैवल, टूरिज्म और होटल कारोबार पर सबसे अधिक पड़ेगा।
भारत के ये वो सेक्टर्स हैं जिन पर कोविड-19 (covid-19) जनित लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा चोट पड़ी। इन कारोबार से जुड़े लोग अभी तक मार से नहीं उबर पाए थे वहीं यदि एक बार फिर भारत में लॉकडाउन की आवश्यकता पड़ी तो निश्चित ही कारोबारी तो गर्त में जाएंगे ही, देश के राजस्व पर भी असर पड़ेगा।
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19-20-21 और अब 22! - कोविड-19 (covid-19) लॉकडाउन के कारण साल 2020 और 2021 में जूझने-उबरने की दुश्वारियां रहीं। अब ओमिक्रॉन (Omicron) के खतरे से बचने नये साल 2022 के स्वागत के रूप में भारत फिर से लॉकडाउन लागू करने के लिए कितना तैयार है? ट्रैवल, टूरिज्म और होटल सेक्टर को अभी क्या परेशानियां हैं और यदि फिर से तालाबंदी की स्थिति निर्मित होती है तो इन कारोबार से जुड़े वर्ग पर क्या कहर बरपेगा? जानिये सभी सवालों के जवाब राज एक्सप्रेस की इस पड़ताल में। लेकिन आगे बढ़ने से पहले डालते हैं कोविड-19 की परछाईं पर नजर।
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कोरोना सीजन वन – कोरोना (covid-19) इम्पैक्ट पर गौर करें तो इसका भी ट्रेंड किसी वेबसीरीज सरीखा नजर आता है। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर वेबसीरीज के पहले-दूसरे-तीसरे या आगामी सीजन का लोगों का बेसब्री से इंतजार रहता है। अलबत्ता कोरोना महामारी के मामले में स्थित उलट है, और इसका इंतजार करना कोई नहीं चाहता। अब ये बात अलग है कि वेबसीरीज की तर्ज पर ओमिक्रॉन (Omicron) के रूप में कोविड-19 (covid-19) का नया सीजन जरूर सामने है!
भारत में साल 2020 के दौरान 24 मार्च को 21 दिनों के लिए पूरे भारतवर्ष में कोरोना (covid-19) से बचाव के लिए एहतियातन तालाबंदी (Lockdown) लागू की गई थी। इसके पहले 22 मार्च को 14 घंटों का जनता कर्फ्यू भी लागू किया गया था। इसके बाद 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया। फिर 17 मई को लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा हुई। इसी तरह 30 मई को भारत में लॉकडाउन का पांचवा चरण लागू हुआ।
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मौजूदा ओमिक्रॉन और भारत -
ज्ञात जानकारी के मुताबिक पश्चिमी देशों में खतरा बनकर उभरा कोविड का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत में भी तेजी से प्रसार कर रहा है। भारत में दिसंबर के पहले सप्ताह से अब तक इसके 41 केस पता चले हैं। ब्रिटेन में सोमवार को इससे पहली मौत दर्ज हुई।
चीन में भी ओमिक्रॉन के बढ़ते असर के मद्देनजर सख्त प्रतिबंधों की शुरुआत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स में ओमिक्रॉन के खतरों पर आधारित IIT कानपुर के विशेषज्ञों की रिसर्च में कोविड के नए वैरिएंट के कारण भारत में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई गई है।
आशंका के अनुसार नए वैरिएंट के कारण तीसरी लहर का संकट जनवरी 2022 तक दिख सकता है। रिसर्च आधारित रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि फरवरी 2022 में देश में रोजाना डेढ़ लाख कोरोना वायरस ग्रसित मामलों के साथ तीसरी लहर का चरम देखा जा सकता है। मेडिकल जांच में ओमिक्रॉन ग्रसित मिले महाराष्ट्र के दो मरीज दुबई रिटर्न हैं।
गुजरात वाला मरीज दक्षिण अफ्रीका से आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 20, राजस्थान में 9, कर्नाटक में 3, गुजरात में 4, दिल्ली में 2 और केरल, आंध्र प्रदेश तथा चंडीगढ़ में एक-एक मरीज कोरोना वायरस रोगग्रस्त मिले हैं। इन संख्यात्मक खतरों के अपने कई मायने हैं।
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ट्रैवल पर सख्ती या बैन! – विदेशों में बढ़ते खतरों से अंतर राष्ट्रीय यात्रा और प्रवेश संबंधी नियम कड़े हो सकते हैं। इसी तरह भारत के राज्यों में कोरोना वायरस बीमारी के नये स्वरूप ओमिक्रॉन संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या से देश में अंतर राज्यीय/अंर्तराज्यीय यात्रा प्रतिबंधों का खतरा मंडराने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।
पेट्रोल-डीजल के आसमानी दामों की परेशानी को झेल रहे ट्रांसपोर्टर्स पुराने लॉकडाउन के नुकसान की भारपाई अब तक नहीं कर पाए हैं ऐसे में नई तालाबंदी से उनकी दुश्वारी में इजाफा हो सकता है। कारोबारियों का कहना है कि पहले से ही वाहन कर्ज की किश्तों को जमा करने में परेशानी हो रही है, यदि पुनः लॉकडाउन हुआ तो संकट बढ़ जाएगा।
टूरिज्म कारोबार पर संकट! –स्थिति से स्पष्ट है कि यात्रा प्रतिबंध लागू हुए तो इसका बुरा असर अप्रत्यक्ष तौर पर टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ना लाजिमी है। अन्य दूसरे सेक्टर की ही तरह टूरिज्म कारोबारियों को ईयर 2021 एंडिंग और नये साल 2022 के आगमन के दौरान इंडस्ट्री में बूम आने की उम्मीद थी। लेकिन यदि लॉकडाउन का संकट गहराया तो दिसंबर एंड के साथ न्यू ईयर की ओपनिंग हैप्पी नहीं होगी!
होटल कारोबारी चिंतित – देश-दुनिया से मिल रहीं ओमिक्रॉन के खतरों की खबरों के कारण होटल कारोबारी चिंतित हैं। पिछले लॉकडाउन के दौर में देश के कई नामी होटल स्टार्टअप्स को नुकसान का सामना करना पड़ा। अधिकांश होटल जहां खाली पड़े रहे वहीं उनके ऑपरेटर्स के समक्ष होटल मैंटनेंस, स्टाफ की सैलरी से लेकर टैक्स भरने आदि जैसी दुश्वारियां भी थीं।
कभी सुना था रेल, मेल, जेल कभी बंद नहीं होते लेकिन कोविड वायरस बीमारी के खतरों के दौरान रेल के पहियों के थमने, मेल-मिलाप कम होने के साथ ही; जेलों में बंद कैदियों की संख्या घटने के साक्षी भारतीय हो चुके हैं। परेशानियों से बचना है तो मास्क लगाएं एवं वैक्सीन लगवाएं, सैनिटाइजर प्रयोग करें और शासकीय आदेशों सूचनाओं का पूर्णतः पालन करें। यही और यही प्राणघातक कोरोना वायरस बीमारी का अब तक खोजा जा सका उचित इलाज है।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स और जारी आंकड़ों परआधारित है। इसमें शीर्षक-उपशीर्षकऔर संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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