राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के बाद से ही कई सेक्टर्स का हाल ऐसा हो गया था, जैसे उनकी रीढ़ की हड्डी ही टूट गई हो। इन हालातों के चलते इन सेक्टर्स को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, कुछ सेक्टर तो अब पूरी तरह नुकसान से बाहर आ चुके है, लेकिन कुछ सेक्टर्स का हाल अब भी ख़राब ही चल रहा है। इन्हीं में कैब सर्विस प्रोवाइडर और इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी OLA भी शामिल हैं। इस नुकसान से बाहर आने के लिए अचानक खर्चों में कटौती पर फोकस करने क मन बना लिया है। जिसके चलते कंपनी ने छंटनी करने का फैसला किया है।
OLA ने किया खर्चों में कटौती करने पर फोकस :
दरअसल, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कि तरफ तेजी से बढ़ रही टेक्सी सेवा प्रदाता कंपनी OLA ने अब अचानक ही खर्चों में कटौती करने पर फोकस किया है। इसी के चलते कंपनी जल्द ही एक हजार कर्मचारियों की छंटनी करने वाली हैं। इस मामले में कंपनी में भर्तियां करने वाली इंटरनल एजेंसी ने कहा है कि, 'जल्द बड़ी छंटनी होने वाली है।' इस मामले में एक रिपोर्ट सामने आई थी, उस रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री में अच्छी खासी पहुंच बनने के बाद भी OLA ने कुछ कर्मचारियों को पिंक स्लिप्स देना शुरू कर दिया है।
OLA ने दी थी जानकारी :
OLA कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में ही जानकारी देते हुए कहा था कि, कंपनी ने अपने 400-500 कर्मचारियों को निकालने पर विचार कर रही है। वहीँ, कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, 'यह संख्या 1 हजार तक जा सकती है। कंपनी का पूरा जोर अभी खर्चों में कटौती पर है। कंपनी अब अपना पूरा ध्यान ई-मोबिलिटी की ओर दे रही है और इसीलिए लगातार भर्तियां भी की थीं। प्रमुख मैनेजरों से अपनी टीम के उन लोगों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है, जिनकी छंटनी की जा सकती है। OLA ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे विदेशी बाजारों में निवेश पर भी ब्रेक लगा दिया है, जहां वह पहले से मौजूद है।
अधिकारियों का कहना :
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि, 'जिन लोगों की छंटनी की जानी है, कंपनी ने उनका इंक्रीमेंट नहीं किया है और ऐसे कर्मचारी निकाले जाने से पहले खुद ही जॉब छोड़कर जा रहे हैं। वे हर महीने करीब 100-150 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज करते हैं, जिसमें से 40-50 करोड़ रुपये का हो प्रॉफिट रहा है। OLA डैश जैसा खर्चीला कारोबार बंद करने और कर्मचारियों की लागत में कटौती से कंपनी का ऑपरेशनल मार्जिन बढ़ जाएगा और अगर कंपनी आईपीओ की दिशा में आगे बढ़ती है तो यह उन्हें मुनाफा कमाने वाले कारोबार के तौर पर भी दिखाएगा।'
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