V Ananth Nageswaran
V Ananth Nageswaran Raj Express

महंगाई को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं, जल्द कम हो जाएंगे खाने-पीने की चीजों के भाव: नागेश्वरन

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि महंगाई के नियंत्रण से बाहर होने के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।महंगाई अनियंत्रित नहीं हो सकती।
Published on

हाईलाइट्स

  • केंद्र व आरबीआई की अगस्त में कम वर्षा को देखते हुए कीमतों में वृद्धि पर नजर

  • कोर महंगाई दर में गिरावट आई है। खाने-पीने की कुछ खास चीजों की ही महंगाई बढ़ी

  • बेकाबू नहीं हो पाएगी महंगाई, चिंता की बात नहीं, सरकार कर रही है जरूरी उपाय

राज एक्सप्रेस। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि महंगाई के नियंत्रण से बाहर होने के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। महंगाई अनियंत्रित नहीं हो सकती। अप्रैल-जून की अवधि के जीडीपी डेटा जारी होने के बाद नागेश्वरन ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी अगस्त माह में कम वर्षा को देखते हुए कीमतों की बढ़ोतरी पर नजर बनाए हुए हैं। नागेश्वरन ने कहा कोर महंगाई दर में गिरावट आ रही है। खाने-पीने की कुछ खास चीजों की ही महंगाई बढ़ी है। ऐसे में, कुल मिलाकर मुझे लगता है कि महंगाई को लेकर चिंता की कोई वास्तविक वजह नहीं है। महंगाई नियंत्रण से बाहर नहीं हो पाएगी।

केंद्र व आरबीआई अपनी-अपनी तरह के लगा रहे महंगाई पर लगाम

उन्होंने कहा सरकार और आरबीआई दोनों अपने-अपने तरीके से महंगाई से निपटने के उपाय कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में मांग और आपूर्ति के बीच कोई असंतुलन पैदा नहीं हो सके। महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। जुलाई में खुदरा महंगाई 15 महीने के हाई पर रही है और केंद्र सरकार इसको लेकर पर्याप्त सतर्क है।

असमान वर्षा और कम वर्षा से आपूर्ति में कमी

उल्लेखनीय है कि असमान और कम वर्षा और आपूर्ति में आई कमी की वजह से पिछले कुछ महीनों में सब्जियों और कुछ दालों की कीमतों में तेजी से बढ़त हुई है। इससे जुलाई में खुदरा (रिटेल महंगाई) महंगाई 15 महीने के हाई 7.44 फीसदी पर पहुंच गई। जुलाई में, सब्जीयों की महंगाई के 37.3 फीसदी तक पहुंचने के कारण खाने-पीने की चीजों की खुदरा महंगाई दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 11.5 फीसदी हो गई। ये आंकड़े जनवरी 2020 के बाद से सबसे हाई लेवल पर हैं।

केद्र ने महंगाई पर अंकुश के लिए किए कई उपाय

उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने कीमतों को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों में रियायती कीमतों पर टमाटर की बिक्री, प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाना, गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध, उबले चावल पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क और चावल-गेहूं की खुले बाजार में बिक्री जैसे उपाय शामिल हैं। इस बीच, आरबीआई एमपीसी ने 2022-23 में 250 आधार अंकों की तेज बढ़ोतरी के बाद लगातार तीन बैठकों से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

अगस्त में 7 फीसदी के आसपास रहेगी खुदरा महंगाई

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगस्त में खुदरा महंगाई 7 फीसदी के आसपास बनी रहेगी। अगस्त के खुदरा महंगाई के आंकड़े 12 सितंबर को जारी किए जाएंगे। नागेश्वरन का कहना है कि बाजार में ताजा स्टॉक आने और सप्लाई की स्थिति में सुधार होने की वजह से खाने-पीने की चीजों में महंगाई कम हो जाएगी। अगस्त माह में बारिश कम रही है। इस स्थिति में आरबीआई और केंद्र सरकार दोनों की ही नजरें खाने-पीने की चीजों की घरेलू और ग्लोबल कीमतों पर बनी रहेंगी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com