NHAI में काम की सुस्त रफ्तार पर नाराज गडकरी ‘अक्षम’ अधिकारियों पर भड़के

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एनएचएआई में सुस्त रफ्तार से कार्य होने पर नाराजगी व्‍यक्त कर कहा- अब समय आ गया है जबकि ‘गैर-निष्पादित आस्तियों’ को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।
NHAI में काम की सुस्त रफ्तार पर नाराज गडकरी ‘अक्षम’ अधिकारियों पर भड़के
NHAI में काम की सुस्त रफ्तार पर नाराज गडकरी ‘अक्षम’ अधिकारियों पर भड़केPriyanka Sahu -RE
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राज एक्‍सप्रेस। देश के राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) जिम्मेदार है, लेकिन इस दौरान NHAI में कार्य की रफ्तार सुस्त होने पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी काफी नाराज हैं।

गैर-निष्पादित अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए :

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने द्वारका में एनएचएआई के भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक वर्चुअल बैठक को संबोधित किया। इसी दौरान NHAI में देरी की कार्य संस्कृति पर नाराजगी व्‍यक्‍त कर ये बड़ी बात कही कि, ''एनएचएआई अक्षम अधिकारियों का 'स्थल बना हुआ है, जो अड़चनें पैदा कर रहे हैं। ये अधिकारी प्रत्येक मामले को समिति के पास भेज देते हैं। अब समय आ गया है कि जबकि ऐसे अधिकारियों को 'निलंबित और बर्खास्त किया जाना चाहिए और कामकाज में सुधार लाया जाना चाहिए।''

अधिकारियों पर भड़के नितिन गडकरी :

द्वारका में एनएचएआई के भवन के उद्घाटन के अवसर पर नितिन गडकरी ने अपने संबोधन ये भी कहा- इस भवन को बनने में नौ साल लगे हैं। यहां ऐसे एनपीए हैं जो केंचुएं की तरह भी काम नहीं कर सकते हैं। यहां उन्हें रखा जाता है और पदोन्नत किया जाता है।

अधिकारियों के रवैये पर आती है शर्म :

राजमार्ग मंत्री ने ये भी कहा कि, ''इस तरह की विरासत को आगे बढ़ाने वाले अधिकारियों के रवैये पर मुझे शर्म आती है।'' एनएचएआई के भवन के निर्माण में देरी पर नाराज गडकरी का ये कहना भी है कि, ''ये अधिकारी फैसले लेने में विलंब करते हैं और जटिलताएं पैदा करते हैं। ये मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम), महाप्रबंधक (जीएम) स्तर के अधिकारी हैं जो बरसों से यहां जमे हैं। इस इमारत के लिए निविदा 2011 में दी गई थी। इसे पूरा होने में नौ साल लगे। इस दौरान सात एनएचएआई चेयरमैन और दो सरकारें आईं-गईं।''

देरी पर एक शोध पत्र तैयार :

नितिन गडकरी ने तंज कसते हुए कहा- आठवें चेयरमैन एस एस संधू के कार्यकाल में यह भवन पूरा हुआ। इस तरह की देरी पर एक शोध पत्र तैयार होना चाहिए। इसमें देरी के लिए जिम्मेदार सीजीएम और जीएम की तस्वीरें होनी चाहिए। ऐसे लोगों का नाम और तस्वीरें सार्वजनिक करने के लिए समारोह होना चाहिए, जैसा कि मंत्रालय अच्छा काम करने वाले अधिकारियों के लिए करता है।

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