राज एक्सप्रेस। जैसा कि, सभी जानते हैं सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल के खिलाफ पिछले 2-3 महीनों से लगातार किसान देशभर में आंदोलन कर रहे हैं। 26 जनवरी पर तो दिल्ली के लाल किले पर इसी किसान आंदोलन ने विक्रात रूप ले लिया था। वहीं, अब सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को राज्यसभा में इस जारी किसान आंदोलन से अब तक हुए नुकसान की जानकारी दी है।
NHAI को हुआ करोड़ों का नुकसान :
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में जारी किसान आंदोलन और किसानों के इस प्रदर्शन के चलते करोड़ो का नुकसान हो चुका है। इस बारे में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि, '16 मार्च तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 814 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। इसी नुकसान के चलते NHAI ने राज्य सरकारों से जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया है। इस में से भी ज्यादातर नुकसान पंजाब और हरियाणा में टोल प्लाजा पर हुआ है।' बता दें, इस बारे में परिवहन मंत्री गडकरी ने संसद के उच्च सदन में लिखित में जानकारी दी है।
NHAI के मुख्य सचिव ने राजस्थान से किया अनुरोध :
परिवहन मंत्री गडकरी ने आगे बताया कि, 'पंजाब में सबसे ज्यादा 487 करोड़, हरियाणा में 326 करोड़ और राजस्थान में 1.40 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, इसने अलावा अन्य किसी राज्य में किसानों के प्रदर्शन के चलते नुकसान की खबर नहीं है। पंजाब में टोल प्लाजा के सुचारू संचालन के लिए पंजाब सरकार से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है।' उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि, 'भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुख्य सचिव ने राजस्थान से अनुरोध किया है कि, वे संबंधित अधिकारियों को उपयोगकर्ता शुल्क वसूली के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें।'
एंबुलेंस की व्यवस्था की दी जानकारी :
परिवहन मंत्री गडकरी ने राज्यसभा में सदन को यह भी बताया कि NHAI द्वारा राजमार्गो पर पड़ने वाले टोल प्लाजा पर 550 एंबुलेंस की व्यवस्था की है, जिससे यदि कोई सड़क हादसा होता है तो उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जा सके। गडकरी ने बताया कि, मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 में दुर्घटना में घायल लोगों के कैशलेस इलाज के लिए एक योजना प्रदान की गई है। इसके अलावा अन्य सवालों के जवाब में गडकरी ने यह भी बताया कि,
'उत्तराखंड में चार धाम परियोजना के तहत सड़कों को चौड़ा करने और राज्य में आने वाली बाढ़ के मामलों के बीच कोई संबंध नहीं है। 900 किलोमीटर लंबे चार धाम राजमार्ग का निर्माण यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के बीच हर मौसम में सड़क यातायात का सुविधा मुहैया कराने के लिए किया जा रहा है।'
नितिन गडकरी, सड़क एवं परिवहन मंत्री
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