राज एक्सप्रेस। पंजाब नेशनल बैंक से सामने आये बड़े घोटाले का मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी जिसे भारत द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया था, उसे 19 मार्च, 2019 को लंदन में पकड़ा गया था। वह तब से वहीं की जेल में बंद है और उस पर लंदन में ही केस चल रहा था। इस मामले में हाल ही में नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को ब्रिटेन के गृह मंत्रालय से द्वारा भी मंजूरी मिल गई थी, लेकिन अब नीरव मोदी अपनी तमाम कोशिशों में जुट गया है। इसी के चलते उसने लंदन हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाते हुए प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की है।
नीरव मोदी ने खटकाया हाईकोर्ट का दरवाजा :
दरअसल, नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण मामले में इसी साल फरवरी में लंदन की अदालत ने उसकी अपील खारिज करते हुए अंतिम फैसला सुनाया था। इस फैसले के तहत उस भारत आने के निर्देश दिए गए थे। वहीं, कुछ समय बाद नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को ब्रिटेन के गृह मंत्रालय से भी मंजूरी मिल गई थी, लेकिन अब भगोड़ा नीरव मोदी ने बचने की कोशिश करते हुए लंदन हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया है। नीरव मोदी ने हाईकोर्ट में उसके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की है। क्योंकि, नीरव मोदी किसी भी हाल भारत नहीं आना चाहता है। जबकि, इस मामले में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल द्वारा मिली भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी के बाद उसे भारत भेजा जा सकता है।
नीरव मोदी को भारत में मिलेगा इंसाफ - कोर्ट :
नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में जज सेमुअल गूजी ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि, 'नीरव मोदी को भारत में चल रहे केस में जवाब देना होगा। क्योंकि, नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। नीरव मोदी को भारत भेजा जाता है तो ऐसा नहीं है कि उन्हें वहां इंसाफ न मिले।' बताते चलें, इस मामले की कानूनी लड़ाई लगातार 2 साल तक चलने के बाद अब अंतिम फैसला आया है। नीरव मोदी घोटाला सामने आने के बाद जनवरी 2018 में देश छोड़कर भाग गया था, लेकिन अब उसे कभी भी भारत लाया जा सकता है। इसके लिए इंग्लैंड के होम डिपार्टमेंट द्वारा भी मंजूरी मिल चुकी है।
जारी किए आखिरी आदेश :
बता दें, नीरव मोदी के मामलें में आखिरी आदेश 25 फरवरी को जारी किए गए थे, उस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट के सामने अपनी अपील दाखिल करने के लिए नीरव मोदी के पास 14 दिनोंका समय था, नहीं तो, उसे भारत भेज दिया जाएगा, नीरव मोदी ने अब लंदन हाइकोर्ट में अपील की है।
प्रशासनिक कोर्ट ने बताया :
लंदन हाईकोर्ट के प्रशासनिक कोर्ट ने शुक्रवार को बताया कि, 'नीरव मोदी की अर्जी 28 अप्रैल को मिली है। उसने जज गूजी और पटेल के निर्णयों के खिलाफ अपील की है। इस अपील को लेकर कहा गया है कि एक जज इस बात का फैसला करेगा कि क्या अपील पर सुनवाई की अनुमित दी जाए। इसमें कई महीनों का वक्त लग सकता है। यदि जज अपील को अनुमति देने से इन्कार कर देते हैं, तो नीरव इस बात का तर्क देने के लिए मौखिक सुनवाई कर सकता है कि उसे अनुमति क्यों दी जानी चाहिए।'
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के दोषी :
ज्ञात हो, पंजाब नेशनल बैंक घोटाला 13 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा रूपये के घोटाले का मामला है जो, बैंक की मार्केट वैल्यू का क़रीब एक-तिहाई और साल 2017 की आख़िरी तिमाही के मुनाफ़े का 50 गुना था। ये घोटाला मुंबई की एक ब्रांच से गलत ट्रांसेक्शन के द्वारा किया गया था। इस घोटाले में मुख्य तौर पर 2 डायमंड कंपनियों के मालिक नीरव मोदी का नाम सामने था साथ ही गीतांजलि जेम्स लिमिटेड कंपनी के प्रमुख मेहुल चौकसी का नाम भी इस मामले से जुड़ा था।
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