आज से लागू हुआ स्वर्ण आभूषणों के लिए नया यूनिक हॉलमार्क, जौहरी जून तक बेच सकेंगे पुराने हॉलमार्क वाले गहने
राज एक्सप्रेस। सोने के आभूषणों के लिए छह अंकों वाली 'अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी' (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) व्यवस्था देश में आज से लागू हो गई है। इसे लागू करने के बावजूद सरकार ने जौहरियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने करीब 16,000 जौहरियों को जून तक 'घोषित' सोने के पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों को बेचने की अनुमति दे दी है। इस तरह उन्हें पुराने हालमार्क वाले गहने बेचने के लिए तीन माह का और समय मिल गया है। हालांकि, जौहरियों को दी गई यह छूट, जुलाई 2021 से पहले बने आभूषणों पर ही लागू होगी। इस संबंध में आभूषण उद्योग के निकायों के साथ हाल ही में हुई बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अधिसूचना की है। नए हॉलमार्क का उद्देश्य की सोने की प्रमाणिकता सिद्ध करना है। अगर आपके आस पुराना सोना है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि पुराने हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ग्राहक आसानी से बेच सकते हैं।
आज से ‘अल्फान्यूमेरिक' एचयूआईडी अनिवार्य
अधिसूचना के अनुसार मंत्रालय ने सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की हॉलमार्किंग आदेश 2020 में संशोधन किया है। इसके तहत जिन जौहरियों ने पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों के अपने भंडार की पहले घोषणा की थी, उन्हें इन्हें बेचने के लिए 30 जून, 2023 तक का वक्त दिया गया है। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा कि देश में 1.56 लाख पंजीकृत जौहरी हैं, जिनमें से 16,243 जौहरियों ने इस साल एक जुलाई को अपने पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों का खुलासा किया था। उन्हें 3 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है। उन्होंने कहा यह अंतिम समय सीमा है और पुराने स्टॉक को खाली करने के लिए और समय नहीं दिया जाएगा। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) आज एक अप्रैल से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक के ‘अल्फान्यूमेरिक' एचयूआईडी को अनिवार्य कर रहा है।
आज से बदले सोने की खरीद-बिक्री के नियम
राज एक्सप्रेस। आज से कई नियमों में बदलाव हो गया है। इसमें सोने की खरीद और बिक्री से जुड़ा नियम भी शामिल है। नए नियम के बाद बिना हॉलमॉर्क वाली कोई भी ज्वेलरी बाजार में बाजार में नहीं बेची जा सकेगी। इसके साथ आज से छह अंकों वाला हॉलमार्क नियम भी लागू हो गया है। आइए जानते हैं कि नए नियम का लोगों पर क्या असर होगा। नए नियम के बाद अब कोई दुकानदार बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएगा। ऐसा करने पर उस पर जुर्माने लग सकता है। हॉलमार्क एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जो कि हर ज्वेलरी पर अलग होता है। इससे लोगों के साथ घोटाला या फिर धोखाधड़ी होने की संभावना कम हो जाएगी। हॉलमार्क के साथ लिखा होगा कि ज्वेलरी में सोना कितने कैरेट का लगा हुआ है। इस यूनिक कोड के माध्यम से ज्वेलरी को ट्रेस करना आसान होगा। सरकार की ओर से 2021 में छह अंकों का हॉलमार्क नंबर लाया गया था। इसके बाद से बाजार में पुराना वाला और नया हॉलमार्क दोनों चल रहे थे। नया हॉलमार्क पुराने की अपेक्षा अधिक सेफ होने के कारण अनिवार्य कर दिया गया है। सोने से बनी ज्वेलरी पर ही नहीं नया हॉलमार्क सोने के बिस्किट और सिक्कों के लिए भी जारी होंगे।
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