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HDFC कैपिटल एडवाइजर्स के साथ दो सहायक कंपनियों के विलय को NCLT ने दी मंजूरी

एनसीएलटी ने एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स (एचसीएएल) के साथ दो पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों एचपीवीएल और एचवीसीएल के विलय की योजना को मंजूरी दे दी है।
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राज एक्सप्रेस, नई दिल्ली। एनबीएफसी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एचडीएफसी ने बताया कि नेशनल ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एचडीएफसी बैंक के साथ 40 अरब डॉलर के विलय सौदे से पहले अपने फाइनल आर्डर में एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स (एचसीएएल) के साथ दो पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों एचडीएफसी प्रॉपर्टी वेंचर्स (एचपीवीएल) और एचडीएफसी वेंचर कैपिटल (एचवीसीएल) के विलय की योजना को मंजूरी दे दी है।

इन दो सहायक कंपनियों के विलय से पैरेंट कंपनी एचडीएफसी के साथ एचडीएफसी बैंक के विलय की प्रकिया एक कदम और निकट आ गई है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने अब तक दो बीमा शाखाओं और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के विलय की मंजूरी नहीं दी है।  

सेबी पहले ही दे चुका है कंपनी के नियंत्रण में बदलाव को मंजूरी 

इससे पहले पिछले साल जुलाई में बाजार नियामक सेबी ने एचडीएफसी प्रॉपर्टी वेंचर्स के नियंत्रण में बदलाव को मंजूरी दी थी। पिछले साल अप्रैल में, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने विलय की एक समग्र योजना को मंजूरी दी थी, जहां एचडीएफसी की सहायक कंपनियां एचडीएफसी बैंक की सहायक कंपनियां बन जाएंगी। इससे एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक में समग्र विलय हो जाएगा।

प्रस्तावित योजना के तहत, एचडीएफसी के शेयरधारकों को शेयरों (प्रत्येक का अंकित मूल्य 2) के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर (प्रत्येक का अंकित मूल्य 1 रुपये) प्राप्त होंगे और एचडीएफसी द्वारा एचडीएफसी बैंक में रखे गए इक्विटी शेयरों को योजना के पूरा होने पर समाप्त कर दिया जाएगा।

इस लेन-देन के बाद, एचडीएफसी बैंक शत प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा, और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारक निजी क्षेत्र के बैंक के 41% के मालिक होंगे। कंपनी का मानना है कि इस विलय से कंपनी की पूरक शक्ति में इजाफा होगा और उपभोक्ता समुदाय से बेहतर कारोबारी संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी।

एचडीएफसी ने कहा प्रस्तावित विलय से बढ़ेगी कार्यक्षमता

एचडीएफसी ने उम्मीद जताई है कि इस प्रस्तावित विलय के परिणामस्वरूप समूह की संरचना और प्रशासन के तरीके में बदलाव आएगा। काम करने का तरीका बदलकर, प्रक्रिया को सरल बनाकर, बेहतर कारोबारी लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रिब्यूनल ने एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के मर्जर की मंजूरी के लिए ऑर्डर सुरक्षित रख लिया था, क्योंकि पक्षों ने प्रक्रिया के लिए 180 दिन और मांगे थे।

एचडीएफसी को सेबी, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के शेयरधारकों, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से पहले ही आवश्यक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। यह मंजूरी एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के विलय का मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगी, जिसके अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही तक तय होने की उम्मीद है।

प्रस्तावित इकाई के पास लगभग 18 लाख करोड़ रुपये का संयुक्त संपत्ति आधार होगा। एक बार सौदा प्रभावी होने के बाद, एचडीएफसी बैंक में सार्वजनिक शेयरधारकों का स्वामित्व 100 फीसदी होगा और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारक बैंक के 41 फीसदी के मालिक होंगे। एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को अपने प्रत्येक 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।

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