मुकेश अंबानी को मिली Z+ सिक्योरिटी
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मुकेश अंबानी को मिली Z+ सिक्योरिटी, जानिए कितनी तगड़ी होती है यह सुरक्षा?

भारत में प्रधानमंत्री को मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा के बाद वीवीआईपी की सुरक्षा में जेड प्लस सिक्योरिटी सबसे बेहतरीन मानी जाती है।
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राज एक्सप्रेस। देश के दूसरे सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी अब बढ़ा दी गई है। पहले मुकेश अंबानी को जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी, लेकिन अब उन्हें जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ाने का फैसला लिया है। जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी पर हर महीने करीब 40 से 45 लाख रुपए का खर्च आएगा। यह खर्च खुद मुकेश अंबानी वहन करेंगे। इसके अलावा मुकेश अंबानी के 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हर समय उनके साथ मौजूद रहेंगे। तो चलिए हम जानते हैं कि जेड प्लस सिक्योरिटी क्या होती है? और यह सुरक्षा किन-किन लोगों के पास है?

जेड प्लस सिक्योरिटी क्या होती है?

प्रधानमंत्री को मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा के बाद दूसरे नंबर पर जेड प्लस सिक्योरिटी आती है। मुकेश अंबानी देश के ऐसे पहले बिजनेसमैन हैं, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। यह सुरक्षा मिलने के बाद NSG, SPG और CRPF के कमांडों हर समय मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। जेड प्लस सिक्योरिटी के तहत मुकेश अंबानी को 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल की सुरक्षा दी जाएगी। पहली लेयर में एनएसजी के कमांडो मौजूद रहेंगे। यह मुकेश अंबानी के सबसे नजदीक होंगे। इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात किए जाते हैं। इनके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। यह कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस रहेंगे। इन सुरक्षा जवानों के पास ब्रीफकेस बैलिस्टिक शील्ड भी होता हैं, जो असल में बुलेट प्रूफ शील्ड होती है और यह खुलते ही ढाल की तरह काम करती है।

किसे मिलती है जेड प्लस सिक्योरिटी?

भारत में वीवीआईपी की सुरक्षा में जेड प्लस सिक्योरिटी सबसे बेहतरीन मानी जाती है। आमतौर पर यह सुरक्षा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायाधीश, राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, मशहूर राजनेता, बड़े ब्यूरोक्रेट्स या देश के किसी प्रमुख व्यक्ति को दी जाती है। यह सुरक्षा किसे मिलनी चाहिए, इसका फैसला केन्द्रीय गृह मंत्रालय सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर करता है। इसके अलावा कोई व्यक्ति जेड प्लस सिक्योरिटी लेने के लिए गृह मंत्रालय को आवेदन भी कर सकता है। इसके बाद गृह मंत्रालय उसके खतरे के आधार पर निर्णय करता है कि उसे कौन सी सुरक्षा दी जाए।

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