Microsoft Internet Explorer : आज से कई साल पहले हममें से शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने 'माइक्रोसॉफ्ट' का वेब ब्राउजर 'इंटरनेट एक्सप्लोरर' (Microsoft Internet Explorer) का इस्तेमाल न किया हो। हालांकि, अब बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो, इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल करते होंगे। आगरा आपमें से कुछ लोग अभी भी इसका इस्तेमाल कर रहे हो तो वह जान लें कि, वह अब इस के किसी अपडेट वर्जन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। क्योंकि, अब माक्रोसॉफ़्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर ने इसे सपोर्ट न देने का ऐलान कर दिया है।
माइक्रोसॉफ्ट का कहना :
बताते चलें, लाखों की संख्या में यूजर्स माइक्रोसॉफ्ट के वेब ब्राउजर इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल पिछले 25 सालों से कर रहे हैं, परंतु अब 25 सालों बाद माइक्रोसॉफ्ट ने इसे सपोर्ट न देने का फैसला ले लिया है। कंपनी का कहना है कि, "माइक्रोसॉफ्ट अब साल 2021 से इंटरनेट एक्सप्लोरर और लिगेसी एज वर्जन को सपोर्ट देना बंद कर देगी।" हालांकि, यूजर्स इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन कंपनी अगले साल से इसका कोई भी अपडेट वर्जन जारी नहीं करेगी। इसलिए, यूजर्स को वर्तमान में चल रहे वर्जन को ही इस्तेमाल करना पड़ेगा।
सपोर्ट न देने का कारण ?
गौरतलब है कि, आज दुनियाभर के लगभग सभी लैपटॉप और कंप्यूटर में इंटरनेट एक्सप्लोरर इंस्टॉल्ड किया हुआ ही मिलता है। परन्तु इसका इस्तेमाल करने वालो की संख्या मुश्किल से 5% ही होगी। इसका कारण यह है कि, आह मार्केट में इससे कई बेहतर वेब ब्राउजर मौजूद है। लोग ज्यादातर गूगल क्रोम या मॉजिला फायरफॉक्स जैसे वेब ब्राउजर का इस्तेमाल करना पसंद करते है। आज मार्केट में इसकी मांग न के बराबर हो चुकी है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही कंपनी ने इंटरनेट एक्सप्लोरर को 30 नवंबर के बाद से सपोर्ट न देना का ऐलान किया है।
इंटरनेट एक्सप्लोरर की लांचिंग :
बताते चलें, माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर को 25 साल पहले 16 अगस्त 1995 को लांच किया था। इसकी पेशकश विंडोज 95 के साथ एड ऑन पैकेज प्लस के अंतर्गत की गई थी। इसे तैयार करने वाले राइटर थॉमस रियरडॉन (Thomas Reardon) हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सी प्लस-प्लस है।
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