मेहुल चौकसी ने केस जीतकर दिया भारत को झटका, प्रत्यर्पण की कोशिशों पर फिरा पानी
राज एक्सप्रेस। वैसे तो भारत में कई घोटालें हुए हैं, लेकिन भारत में हुआ पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का घोटाला आज भी सबको याद हैं। कैसे नीरव मोदी और मेहुल चोकसी नाम के दो बड़े हिरा कारोबारियों ने सांठ-गांठ से इस घोटाले को अंजाम दिया। इन दोनों के नाम मुख्य आरोपियों के तौर पर सामने आए थे। पिछले सालों में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम काफी चर्चा में रहा था। वहीं, अब एक बार फिर मेहुल चोकसी चर्चा में है। इस बार उसने केस जीत कर भारत की तमाम कोशिशों पर पानी फेर दिया है। इससे भारत को बड़ा झटका भी लगा है।
मेहुल चोकसी को मिली जीत :
दरअसल, PNB बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण कन्फर्म हो जाने के बाद भगोड़े मेहुल चौकसी को एंटीगुआ से भारत प्रत्यर्पित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन फिलहाल भारत की तमाम कोशिशों पर पानी फिर गया है। क्योंकि, मेहुल चौकसी इन दिनों एंटीगुआ में है। वहीं, शुक्रवार को उसके द्वारा दायर की गई याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुनते हुए कहा है कि, '13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में भारत में वांछित हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से नहीं हटाया जा सकता है।'
चौकसी ने राहत की मांग :
बताते चलें, मेहुल चौकसी ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें चौकसी द्वारा किए गए दावों की जांच करने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया है कि, मुझे अब राहत दी जाए। इस याचिका में एक रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है जो बताती है कि, चौकसी को 23 मई, 2021 में एंटीगुआ और बारबुडा से जबरन हटाने के की कोशिश की गई थी इस पर जाँच होना चाहिए। कोर्ट के आदेश ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के फैसले के बिना एंटीगुआ और बारबुडा के क्षेत्र से मेहुल चौकसी को हटाने पर रोक लगा दी है। साथ ही चौकसी की अपील सहित सभी उपलब्ध कानूनी उपायों को समाप्त कर दिया है। यह चौकसी के लिए एक बड़ी जीत से कम नहीं हैं। क्योंकि, फिलहाल उसे भारत नहीं आना पड़ेगा।
चौकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी :
भारत से भागकर एंटीगुआ जाने के बाद मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ में नागरिकता हासिल कर ली थी। इसके बाद इंटरपोल द्वारा उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था। बता दें, रेड नोटिस इंटरपोल महासचिव द्वारा जारी किया जाता है और यह वह देश जारी करता है जो, किसी अपराधी के प्रत्यर्पण की मांग कर कर रहा हो। रेड नोटिस के तहत भगोड़े का पता लगाकर उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की जाती है। चूँकि, इसमें इंटरनेशनल अरेस्ट वारंट नहीं माना जाता, इसलिए चौकसी को राहत मिल गई है।
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