हाइलाइट्स
MCX का एग्जिट ऑप्शन
निगेटिव प्राइज का विकल्प
लेकिन इस दिन निकासी असंभव
राज एक्सप्रेस। भारत के सबसे बड़े कमोडिटी बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX) ने कमोडिटी ट्रेडिंग नियमों में बड़ा फेरबदल करने के संकेत दिये हैं। नकारात्मक मूल्य की स्थिति निर्मित होने पर एक्सचेंज ने सभी कमोडिटी के ट्रेडर्स के लिए बाहर निकलने के विकल्प का विस्तार किया है।
ध्यान दें एक्सपायरी डे पर जब नियत दर का प्रकाशन हो तो इस दिन निकासी संभव नहीं होगी। लेकिन अन्य सभी व्यापारिक दिवसों में यदि ग्राहक अपने दलालों या प्रॉप ट्रेडर्स के माध्यम से अपनी स्थिति को छोड़ना चाहते हैं तो यह मुनासिब होगा।
विवादास्पद निपटान के बाद -
21 अप्रैल को नकारात्मक क्षेत्र में मई क्रूड ऑयल कॉन्ट्रेक्ट्स के विवादास्पद निपटान के बाद, कीमतों के नकारात्मक क्षेत्र में प्रवेश करने पर व्यापारियों को बाहर निकलने का विकल्प देकर भारत के सबसे बड़े कमोडिटी बाजार MCX ने बड़ा निर्णय लिया है।
पीटीआई की खबर के मुताबिक सोमवार को एक तरह से सभी कमोडिटी के फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट्स के लिए भी नकारात्मक मूल्य निर्धारण तंत्र का विस्तार करने का फैसला MCX ने किया। इसका मतलब यह है कि अगर कीमतें माइनस ज़ोन में पहुंचती हैं तो एक्सचेंज सभी कमोडिटी में व्यापारियों को बाहर निकलने के अवसर के एक वैकल्पिक तंत्र की पेशकश कर रहा है।
शर्तें लागू -
निकासी बाहर निकलने की समाप्ति तिथि के दिन तब संभव नहीं होगी जब नियत तारीख दर प्रकाशित की जाती है। हालांकि अन्य सभी ट्रेडिंग दिवसों में यदि ग्राहक चाहे तो दलालों या प्रॉप ट्रेडर्स के माध्यम से अपनी स्थिति छोड़ने का विकल्प चुन सकेगा।
15 मिनट विंडो -
इस बारे में एक्सचेंज ने कहा कि; एक नीलामी के माध्यम से निकास को सक्षम किया जाएगा। जिसे बाजार बंद होने के बाद वर्तमान में 11:30 बजे, 11: 40 से 11: 55 बजे 15 मिनट विंडो में आयोजित किया जाएगा।
इसलिए लिया निर्णय -
यह कदम इसलिए सामने आया है क्योंकि बाजार को डर सता रहा था कि प्राकृतिक गैस भी निगेटिव जोन में पहुंच सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया भर में COVID-19 महामारी के कारण लॉक डाउन की मियाद लगातार बढ़ाई जा रही है। गौरतलब है मांग और पूर्ति का गणित गड़बड़ाने से अर्थव्यवस्था के सभी कारकों को तगड़ा धक्का पहुंचा है।
मर्केंटाइल एक्सचेंज की घोषणा -
यहां ध्यान रखना महत्वपूर्ण होगा कि पिछले सप्ताह सीएमई समूह ने घोषणा की थी कि न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज18मई से कुछ प्राकृतिक गैस अनुबंधों के प्रभावी व्यापार पर नकारात्मक कीमतों और उनके प्रभावित होने की स्थिति में उपाय प्रबंध पर विचार कर रहा है।
“किसी भी कारोबारी दिन पर, अगर ट्रेडिंग सिस्टम में क्रूड कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमत सबसे कम कीमत (यानी 1 रुपये) पर फ्रीज होती है और ट्रेडिंग के अंतिम 15 मिनट (वर्तमान में 11.15 बजे से 11.30 बजे) के दौरान समान स्तर पर रहती है, और इसी तरह इसका अंतरराष्ट्रीय संदर्भ अनुबंध नकारात्मक मूल्य में व्यापार कर रहा है, तब एक्सचेंज एक अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगा।"
MCX (सोमवार के एक परिपत्र में)
अलग नीलामी सत्र -
इस सुविधा के तहतबाजार के प्रतिभागियों के लिए उनकी खुली पोजीशन को बंद करने या इस पर चर्चा की सुविधा के लिए संबंधित भावी अनुबंध के लिए एक अलग नीलामी सत्र आयोजित किया जाएगा। सनद रहे सर्कुलर में उल्लेख है कि यह वैकल्पिक सुविधा क्रूड ऑयल फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट के समाप्ति दिवस पर नहीं मिलेगी।दिलचस्प रूप से, एक्सचेंज ने कहा है, "यह सुविधा अन्य सभी कमोडिटीज के लिए भी उपलब्ध होगी, जो कुछ शर्तों की पूर्ति के अधीन है।"
दिखेगा अलग संदेश -
ऐसे परिदृश्य में ट्रेडिंग वर्कस्टेशन/सदस्य व्यवस्थापक टर्मिनल या सदस्यों के टर्मिनल्स पर एक अलग संदेश फ्लैश किया जाएगा कि "क्रूड ऑयल (एक्सपायरी) कॉन्ट्रेक्ट में (आरंभ समय) से (अंत समय) के लिए नीलामी सत्र शुरू किया जाएगा।"
बन गया इतिहास -
ऑइल ट्रेडिंग के इतिहास में पहली बार Nymex क्रूड रेट पिछले दिन की तुलना में UDD 37.64 प्रति बैरल पर बंद होने पर 21 अप्रैल को एमसीएक्स पर मई क्रूड कॉन्ट्रैक्ट्स -2,884 रुपये प्रति बैरल पर जा पहुंचा। सनद रहेNYMEX पर शुरुआती कारोबार में कीमत 305 प्रतिशत या -USD 49 बैरल प्रति बैरल तक गिर गई थी।
वजह यह भी -
गौरतलब है कि; जब MCX पर क्रूड -2,884 रुपये प्रति बैरल पर स्थिर हुआ तो कई ट्रेडर्स ने कोर्ट का रास्ता अख्तियार किया। कहा जा रहा है इसके फलस्वरूप ही एक्सचेंज का यह नया विकल्प उपजा है। हालांकि, उच्च न्यायालयों में से किसी ने भी ब्रोकर्स को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है।
निर्णय सॉफ्टवेयर आधारित -
कहा जा सकता है कि; नया निर्णय एक तरह से MCX सॉफ्टवेयर पर आधारित है। जिसे 63 मून्स द्वारा डेवलप और बतौर सेवा प्रदान किया जा रहा है। साथ ही जिसे पूर्व में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज कहा जाता था जिसने एक्सचेंज की स्थापना की और जो किसी भी कमोडिटी में 1 रुपये से नीचे ट्रेडिंग की अनुमति प्रदान नहीं करता है। इसी कड़ी की तर्ज पर BSE ने भी नकारात्मक मूल्य निर्धारण की अनुमति देने के लिए अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव किया।
गौरतलब है कि एमसीएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीएस रेड्डी ने पिछले सप्ताह एक समाचार एजेंसी को जानकारी दी थी कि एक्सचेंज में सॉफ्टवेयर में बदलाव के काम पर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। हालांकि बदलाव कब पूरा हो जाएगा इस बारे में समय सीमा पर टिप्पणी से उन्होंने इनकार कर दिया था।
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