ग्रीन मोबिलिटी के लिए Maruti Suzuki ने बढ़ाया बिक्री का लक्ष्य

भारत की जानी मानी वाहन निर्माता कंपनी Maruti Suzuki ने ग्रीन मोबिलिटी को ध्यान में रखते हुए इस साल CNG वाहन बेचने का लक्ष्य 2019-20 की तुलना में और अधिक बढ़ा दिया है।
Maruti Suzuki Boosts Sales Target for Green Mobility
Maruti Suzuki Boosts Sales Target for Green MobilityKavita Singh Rathore -RE
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राज एक्सप्रेस। भारत की जानी मानी वाहन निर्माता कंपनी Maruti Suzuki ने ग्रीन मोबिलिटी को ध्यान में रखते हुए इस साल CNG वाहन बेचने का लक्ष्य 2019-20 की तुलना में और अधिक बढ़ा दिया है। बता दें, बीते साल कंपनी ने कुल 1.06 लाख CNG वाहनों की बिक्री की थी। वहीं अब कंपनी ने इस साल का नया लक्ष्य 25% से बढ़ाकर 1.45 लाख कर दिया है। ज्ञात हो, 2019-20 में कुल बिक्री में 18% गिरावट दर्ज करने के बाद भी CNG वाहन की मांग में 7% तक बढ़ोतरी हुई थी।

शहरों में बिक्री की उम्मीद :

बताते चलें, भारत में यदि देखा जाये तो, CNG वाहन की 80% की बिक्री ऐसे इलाकों में है जो शहरों में स्थित हैं। जबकि, ग्रामीण इलाकों में यह मांग मात्र 20-21% है। यदि सिर्फ Maruti की बात की जाए तो Maruti की गाड़ियों की बिक्री 38-40% तक ग्रामीण इलाकों में होती है। हालांकि, देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बाद कंपनी को अब शहरों में बिक्री होने की उम्मीद है। वहीं, यदि बात डिजिटल इंक्वायरी के आंकड़ों की हो तो, एंट्री लेवल कारों की मांग में भी 65% की बढ़त दर्ज की गई है। जबकि यह आंकड़ा पहले 55% था। हालांकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद एंट्री लेवल वाहनों की बिक्री में तेजी दर्ज की गई है।

त्योहारों के समय बढ़ सकती है बिक्री : 

बिक्री में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। लॉकडाउन के बाद यह जीडीपी में सुधार और ग्राहकों के सेंटीमेंट पर निर्भर करेगी। अगर कोविड-19 वैक्सीन आ जाता है तो सेंटीमेंट में अचानक तेजी आएगी। इसके अलावा, त्योहारी सीजन में ग्राहक खर्च के मूड में होता है। इसलिए आगामी त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की उम्मीद है।

कार्यकारी निदेशक ने बताया :

मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने बताया है कि, अब वाहनों का भविष्य CNG (ग्रीन मोबिलिटी) में ही नजर आ रहा है। इसलिए ही कंपनी ने इस साल CNG वाहन बेचने का लक्ष्य 2019-20 की तुलना में और अधिक बढ़ा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि, जिन राज्यों या शहरों में CNG वाहन मौजूद हैं, उन जगहों पर CNG वाहनों की बिक्री भी काफी बेहतर है।

ग्रीन मोबिलिटी वाहनों के काम में तेजी :

उन्होंने आगे बताया हैए कि, CNG वाहनों की बिक्री में आई तेजी का कारण पेट्रोल-डीजल के मुकाबले रनिंग कॉस्ट करीब 2.5 गुना कम होना है। यदि पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रति किलोमीटर रनिंग कॉस्ट देखि जाए तो वो 4 रुपये पड़ती है, जबकि यही कॉस्ट CNG वाहनों 1.5 रुपये होती है। वहीं, अब सरकार भी ग्रीन मोबिलिटी वाहनों के लिए काम में तेजी दिखा रही है। यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो, एक साल पहले 190 शहरों में CNG पम्पों की संख्या 1,900-2,000 थी जो, की अब एक-डेढ़ साल में दुगुनी हो जाएंगे। सरकार 380 शहरों में 4,500 CNG पंप खोलने पर काम कर रही है।

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