वित्तीय दबावों से उबरने के लिए अगले तीन सालों में 11000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी Vodafone
राज एक्सप्रेस। भारी वित्तीय दबाव का सामना कर रही ब्रिटिश दूर-संचार कंपनी वोडाफोन ने अपना खर्च घटाने की योजना के तहत अगले तीन सालों में करीब 11,000 नौकरियों में कटौती करने की योजना बनाई है। कर्मचारियों की संख्या में की जाने वाली यह कटौती टेलीकॉम कंपनी की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि वोडाफोन भारत में भी अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है। भारत में यह कंपनी आदित्य बिड़ला समूह के आइडिया के साथ संयुक्त उद्यम आईडिया वोडाफोन के रूप में सक्रिय है। वोडाफोन का भारतीय संयुक्त उद्यम भी इन दिनों भारी घाटे में चल रहा है। वित्तीय दबावों की वजह से हाल ही में कंपनी ने 16,133 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयर सरकार को आवंटित करने को मंजूरी दे दी है।
2023 में निराशाजनक रहा प्रदर्शन
ब्रिटिश कंपनी का वित्तवर्ष 2023 के दौरान प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा है। कंपनी की सीईओ मार्गरेटा डेला वैले ने स्वीकार किया कि इस दौरान हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि वोडाफोन के परिणाम सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर बदलाव किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा हम अपने संगठन को सरल बनाएंगे, अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को फिर से हासिल करने के लिए मुश्किलों को कम करेंगे। हम अपने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के लिए कंपनी के संसाधनों का समुचित उपयोग और आवंटन करेंगे।
उम्मीद है जल्द संकट से उबरेगी कंपनीः डेला वैले
वोडाफोन की सीईओ डेला वैले ने कहा कि बदलाव के इसी क्रम में 11000 कर्मचारियों की छंटनी करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हम एक सरल संगठन के रूप में अपनी यात्रा जारी रखेंगे। हमारी पहली प्राथमिकता कंपनी के कामकाज के तरीकों में बदलाव करते हुए इसे कार्यकुशल रूप देने और बेहतर वित्तीय परिणाम देने की है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही छंटनी करने का निर्णय करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के बाहर जाने से कंपनी के बाकी कर्मचारियों पर दबाव बनेगा, लेकिन इससे उन्हें बेहतर नतीजे हासिल करने की प्रेरणा भी मिलेगी।
कंपनी पर भारत में भी बढ़ रहा कर्ज
उल्लेखनीय है कि वोडफोन ने वित्तवर्ष 2023 में नेगेटिव वित्तीय परिणाम दिए हैं। भारतीय कारोबार में भी कंपनी कई तरह के दबाव में काम कर रही है। भारतीय कंपनी पर भारत में भारी कर्ज का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। खासतौर पर सरकार का बकाया ज्यादा है। यही वजह है कि बीते दिनों सरकार ने कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी है। कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने 16,133 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयर सरकार को आवंटित करने को मंजूरी दे दी है। यह कंपनी में 33.44 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। शेयर हस्तांतरण के बाद कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी 33.44 प्रतिशत हो जाएगी। इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया की चुकता शेयर पूंजी 482,520,327,840 रुपये हो जाएगी। इसमें 10 रुपये अंकित मूल्य के 48,252,032,784 इक्विटी शेयर शामिल हैं।
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