क्रेडिट स्विस के नए कलीग्स से कोई बिजनेस सीक्रेट साझा न करें, यूबीएस ने अपने कर्मचारियों को दिए सख्त निर्देश
राज एक्सप्रेस। स्विटजरलैंड के 167 साल पुराने दिग्गज बैंक क्रेडिट स्विस अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है। कभी इसके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी रहे बैंक यूबीएस ने इसे खरीद लिया है। क्रेडिट स्विस के अधिग्रहण का ऐलान होने के बाद सभी कर्मचारियों को काम पर लौटने का संदेश भेजा गया है। क्रेडिट स्विस ने अपने कर्मचारियों को भेजे मेमो में कहा है कि बोनस और वेतन बढ़ोतरी का जो उनसे वायदा किया गया था, उसे अब भी पूरा किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, यूबीएस ने अपने कर्मचारियों को संदेश भेजा है कि उन्हें किसी भी स्थिति में क्रेडिट स्विस के अपने नए कलीग्स के साथ कोई भी बिजनेस सीक्रेट साझा नहीं करना है। जब तक अधिग्रहण पूरा नहीं हो जाता तब तक सभी कर्मचारियों को इस नियम का सख्ती से पालन करना चाहिए। यूबीएस के सीईओ राल्फ हैमर्स ने कर्मचारियों को भेजे मेमो में क्रेडिट स्विस का अभी भी प्रतियोगी बैंक के रूप में उल्लेख किया है।
क्रेडिट सुइस के डेली बिजनेस पर कोई असर नहीं
क्रेडिट स्विस के चेयरमैन एक्सेल लीमैन और सीईओ उलरिख कोर्नर ने भी अपने कर्मचारियों को मेमो भेजा है। मेमो में उन्होंने आश्वस्त किया है कि बैंक के टेकओवर की वजह से क्लाइंट्स और बैंक के हर दिन के काम पर तत्काल कोई असर नहीं दिखेगा। क्रेडिट स्विस के सभी ब्रांच और विदेशी ऑफिस खुले रहेंगे। ऐसे में उन्होंने बैंक के सभी एंप्लॉयीज को अपना काम जारी रखने को कहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों को पहले की तरह वेतन और वेतन वृद्धियां दी जाती रहेंगी।
यूबीएस ने दिया छंटनी का संकेत
क्रेडिट स्विस ने यूबीएस के साथ डील के बाद फिलहाल बैंक की कार्यप्रणाली में किसी बदलाव से इनकार किया है। हालांकि, बैंक का टेकओवर करने वाले यूबीएस ने संकेत दे दिए हैं कि अगले दिनों में कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी हो सकती है। स्विटजरलैंड के टॉप के बैंकों के विलय के बाद नई एंटिटी का सालाना कॉस्ट बेस 2027 तक 800 करोड़ डॉलर से अधिक कम किया जाएगा, जो पिछले साल क्रेडिट स्विस के पूरे खर्च का करीब आधा है। इस छंटनी का एशिया में भी असर दिखाई दे सकता है। दोनों बैंकों का वेल्थ मैनेजमेंट कारोबार इस इलाके में काफी फैला हुआ है। इसके अलावा यूबीएस के चेयरमैन कोलम केल्हेर के मुताबिक क्रेडिट स्विस के इनवेस्टमेंट बैंकिंग बिजनेस के कारोबार को सीमित कर के यूबीएस के कंजर्वेटिव वर्क कल्चर के हिसाब से इसे करने की योजना है।
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