राज एक्सप्रेस। करीब ढाई साल में ये दूसरी बार है, जब अमेरिका में कोई फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) इंश्योर्ड बैंक बंद हुआ है। इससे पहले अक्टूबर 2020 में अलमेना स्टेट बैंक में ताला लग गया था। सिलिकॅान वैली बैंक तकनीकी स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए मशहूर था। इस बैंक ने भारत में भी कई स्टार्टअप्स में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। एसवीबी फाइनेंसियल ग्रुप के संकट का असर पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में शुक्रवार को दिखाई दिया था, और बैंकिंग सेक्टर के सभी शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। एस एंड पी 500 (स्टैंडर्ड एंड पुअर्स) बैंक इंडेक्स गुरुवार को 6.6 फीसदी गिरा, जबकि शुक्रवार को यह गिरावट 0.5 फीसदी रही। केबीडब्ल्यू रीजनल बैंकिंग इंडेक्स 2.8 फीसदी गिरा। यूरोप का एसटीओएक्सएक्स बैंकिंग इंडेक्स 4 फीसदी गिरा। पिछले एक साल में एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है।
अमेरिकी बैंक के बंद होने से कई भारतीय स्टार्ट-अप्स पर असर पड़ेगा। एसवीबी ने भारत में करीब 21 स्टार्टअप में निवेश किया है। सिलीकान वैली बैंक ने वैसे तो भारत में 21 से अधिक स्टार्टअप्स में निवेश कर रखा है, लेकिन उसने कहां कितना निवेश किया है। इसकी पूरी जानकारी नहीं है। एसवीबी का भारत में सबसे अहम निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में है। स्टार्टअप कंपनी एसवीबी से पिछले साल अक्तूबर में करीब 150 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने में सफल रही थी। ब्ल्यूस्टोन, पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशन्स, पेटीएम मॉल, नापतोल, कारवाले, शादी, इनमोबि और लॉयल्टी रिवार्ड्ज में भी बैंक के पैसे लगे हैं। वेंचर कैपिटल कंपनी एस्सेल पार्टनर्स का भी एसवीबी से कुछ समझौता है। एसवीबी के अनुसार, एस्सेल के संस्थापकों ने बैंक का इस्तेमाल कंपनी की तेज वृद्धि के लिए किया। कैलिफोर्निया के सांता क्लारा स्थित इस बैंक की शुरुआत 1983 में हुई थी। इसके कुल क्रेडिट में स्टार्टअप्स की बड़ी हिस्सेदारी है।
सिलिकॉन वैली बैंक के पास 2021 में 189 अरब डॉलर डिपॉजिट्स थे। बैंक ने पिछले 2 सालों में अपने ग्राहकों के पैसों से कई अरब डॉलर के बॉन्ड खरीदे थे, लेकिन इस इन्वेंस्टमेंट पर उसे कम इन्टरेस्ट रेट के चलते उचित रिटर्न नहीं मिला। इसी बीच फेडरल रिजर्व बैंक ने टेक कंपनियों के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी। एसवीबी के ज्यादातर ग्राहक स्टार्ट-अप्स और टेक कंपनियां थीं जिन्हें कारोबार के लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में वे बैंक से पैसे निकालने लगीं। ब्याज दर बढ़ने की वजह से टेक कंपनियों में निवेशक कम हो गए। फंडिंग नहीं मिलने से कंपनियां बैंक से अपना बचा हुआ पैसा भी निकालने लगीं। लगातार विड्रॉअल की वजह से बैंक को अपनी संपत्ति घाटे में बेचनी पड़ी। संकट से उबरने के लिए बैंक 2.25 अरब डॉलर के नए शेयर बेचने की घोषणा की। इससे कई बड़ी कैपिटल फर्मों में डर का माहौल बन गया। इसके बाद गुरुवार को एसवीबी के स्टॉक में भारी गिरावट आई। शुक्रवार सुबह तक इन्वेस्टर नहीं मिलने की वजह से एसवीबी के शेयरों की बिक्री रोक दी गई। इसके अलावा कई अन्य बैंक शेयरों को भी शुक्रवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया, जिनमें फर्स्ट रिपब्लिक, पीएसीवेस्ट बैनकॉर्प और सिग्नेचर बैंक शामिल हैं।
इस बीच बिलिनेयर एलन मस्क ने सिलिकॉन वैली बैंक को खरीदने की इच्छा जाहिर की है। Razer के CEO मिन-लियांग टैन ने एक ट्वीट में कहा ट्विटर को सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) खरीद लेना चाहिए और उसे एक डिजिटल बैंक का रूप दे देना चाहिए। मिन-लियांग टैन के इस ट्वीट का जवाब देते हुए ट्विटर और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने लिखा, मैं इस विचार का स्वागत करता हूं। एलन मस्क का यह ट्वीट वायरल हो रहा है।
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