FPI : 6 महीने से बिकवाली जारी, मार्च में भारतीय बाजार से निकाले 41 हजार करोड़ रुपये

विदेशी निवेशकों (Foreign investors) ने भारतीय बाजार (Indian market) से बीते छह माह में 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं।
FPI : 6 महीने से बिकवाली जारी, मार्च में भारतीय बाजार से निकाले 41 हजार करोड़ रुपये। (सांकेतिक चित्र -)
FPI : 6 महीने से बिकवाली जारी, मार्च में भारतीय बाजार से निकाले 41 हजार करोड़ रुपये। (सांकेतिक चित्र -)Neelesh Singh Thakur – RE
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हाइलाइट्स –

  • US Federal Reserve की चिंता

  • Russia Ukraine War की टेंशन

  • FPI बिकवाली का दौर लगातार जारी

राज एक्सप्रेस। विदेशी निवेशकों (Foreign investors) की भारतीय बाजार (Indian market) में मार्च महीने के दौरान लगातार छठे महीने बिकवाली जारी रही। इस महीने फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (Foreign Portfolio Investors/FPI/एफपीआई) ने इंडियन इक्विटी मार्केट (Indian equity market) से 41,000 करोड़ रुपये निकाले।

यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका और यूक्रेन-रूस वार (Ukraine-Russia war) के चलते बिगड़ते जिओपॉलिटकल हालात को इसकी वजह माना जा रहा है।

बिकवाली लगातार जारी -

भारतीय पूंजी बाजार (Indian equity market) में बिकवाली का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते छह महीनों के दौरान विदेशी निवेशकों (Foreign investors) ने भारतीय बाजार (Indian market) से एक तरह से किनारा करना शुरू कर दिया है। बीते छह माह में 1.48 लाख करोड़ रुपये निकालने की जानकारी दी गई है।

एफपीआई (FPI) एक नजर -

डिपॉजिटरीज के डेटा के अनुसार, पिछले माह FPI के रास्ते इक्विटी मार्केट में 41,123 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई।

इसके पूर्व फरवरी माह में 35,592 करोड़ जबकि जनवरी में 33,303 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।

विदेशी निवेशक बीते छह माह से भारतीय पूंजी बाजार (Indian equity market) से पूंजी निकाल रहे हैं। इसी तरह अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 के बीच लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली इसके जरिये हुई है।

बाजार विश्लेषकों के अनुसार क्रूड की कीमतों में उछाल और बढ़ती महंगाई की वजह से निकट भविष्य में FPI की गति में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।

बिकवाली की वजह -

बाजार विश्लेषकों के मुताबिक एफपीआई की बिकवाली का मुख्य कारण ब्याज दरों के लिहाज से माहौल में बदलाव एवं फेडरल रिजर्व की ओर से प्रोत्साहनों को समाप्त करने के संकेत हैं।

भारतीय पूंजी का महंगा वैल्युएशन, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, कमजोर रुपया एवं रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine conflict) की वजह से भी FPI, भारतीय बाजार (Indian market) से निकासी कर रहे हैं।

इन खास वजहों से विदेशी निवेशक (Foreign investor) निवेश के सुरक्षित विकल्पों की ओर रुझान कर रहे हैं।

महंगा भारतीय बाजार -

यूएस फेडरल रिजर्व का रुख, भूराजनीतिक हालात के बारे में चिंता की वजह से भी विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं ऐसा विश्लेषकों का मानना है।

ऐसा भी माना जा रहा है कि, निवेशकों को तुलनात्मक रूप से भारतीय बाजार महंगा लग रहा है। इस कारण वे भारत से पूंजी निकालकर चीन और दूसरे बाजारों में निवेश करने की नीति पर अमल कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर आर्टिकल मीडिया एवं एजेंसी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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