राज एक्सप्रेस। मजबूत आर्थिक अनुमानों, बेहतर आर्थिक भविष्य, ब्याज दरों में कमी की संभावना, कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों और शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजार में 30,945 करोड़ रुपये डाले हैं। इसके साथ एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध प्रवाह इस साल 16,365 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था जिस गति से विकास कर रही है, उसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में एफपीआई का निवेश प्रवाह अगले दिनों में भी जारी रहने वाला है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई द्वारा दरों में वृद्धि को रोकना भारतीय शेयर्स में इनफ्लो के लिए प्राथमिक ट्रिगर था। अनुमान है कि 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी हो सकती है। यह अनुमानित ग्रोथ परसेंटेज ग्लोबल एवरेज से अधिक है। कम महंगाई दर और करेंट एकाउंट सरप्लस मिलकर भारत को एक बेहतर जगह बनाए रखेंगे। मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, ब्याज दरों में कमी की संभावना, कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों और शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजार में 30,945 करोड़ रुपये डाले हैं। इसके साथ एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध प्रवाह इस साल 16,365 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में एफपीआई का निवेश प्रवाह आगे भी जारी रहेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई द्वारा दरों में वृद्धि को रोकना भारतीय शेयर्स में इनफ्लो के लिए प्राथमिक ट्रिगर था। अनुमान है कि 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी हो सकती है। यह अनुमानित ग्रोथ परसेंटेज ग्लोबल एवरेज से अधिक है। कम महंगाई दर और करेंट एकाउंट सरप्लस मिलकर निवेश के लिए भारत अगले दिनों में निवेश की बेहतर जगह बनी रहने वाली है। वृहद आर्थिक बुनियाद, ब्याज दरों में कमी की संभावना, कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों और शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजार में 30,945 करोड़ रुपये डाले हैं। इसके साथ एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध प्रवाह इस साल 16,365 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों की आमदनी बढ़ने की संभावनाओं के बीच भारत में एफपीआई का निवेश प्रवाह जारी रहेगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो मई से 19 मई के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 30,945 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में शुद्ध रूप से 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डाले थे। मार्च का निवेश मुख्य रूप से अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में आया था। इसके अलावा, 2023 के पहले दो माह में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 34,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले थे। मई में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार यानी डेट मार्केट में भी 1,057 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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