फर्जी GST व्यापारियों के खिलाफ CBIC ने शुरू किया नया अभियान
फर्जी GST व्यापारियों के खिलाफ CBIC ने शुरू किया नया अभियानKavita Singh Rathore - RE

अब फर्जी GST व्यापारियों की नहीं रहेगी खैर, CBIC ने शुरू किया नया अभियान

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने फर्जी GST रजिस्ट्रेशन का पता लगाने व फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) जमा कर फर्जी लाभ लेने वालों के खिलाफ अभियान शुरू करने का ऐलान किया है।
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राज एक्सप्रेस। देश में जब से 'गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स' (GST) लागू हुआ है, तब से फर्जी GST रजिस्ट्रेशन के मामले भी देश में तेजी सामने आने लगे हैं। हालांकि, अब इन फर्जी GST रजिस्ट्रेशन के मामले कम होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि, अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने फर्जी GST रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) जमा कर फर्जी लाभ लेने वालों के खिलाफ दो महीने का अभियान (Campaign) शुरू करने का ऐलान किया है।

CBIC का नया अभियान :

दरअसल, पिछले कुछ समय में कई शिकायतें सामने आने के बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने बड़ा फैसला लेते हुए नया अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। इस विशेष 2 महीने के अभियान के तहत 16 मई 2023 से 15 जुलाई 2023 तक केंद्र और राज्यों के सभी कर विभाग संदिग्ध GST खातों की पहचान करेंगे और फर्जी बिलों को GST नेटवर्क (GSTN) के बाहर करने के लिए उचित फैसला लेंगे। यदि कोई टैक्सपेयर्स फर्जी पाया जाता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है। बता दें, CBIC के इस अभियान की जानकारी सामने आते ही दिल्ली के बाजारों में धक-धक होने लगी है। सभी व्यापारी संगठन इस मामले पर चर्चा करते नजर आरहे हैं।

CTI के चेयरमैन ने दी जानकारी :

इस अभियान की जानकारी चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने दी है। उन्होंने बताया है कि, '4 मई को ऑर्डर आया है। इसके बाद से तमाम मार्केट पदाधिकारियों, फैक्ट्रीओनर्स और व्यापारियों के फोन आ रहे हैं। सभी की अपनी चिंताएं हैं। जब-जब इस तरह के अभियान चले हैं, तब-तब बाजार में माहौल तनावपूर्ण रहा है। वैट के दौर में भी ऐसे अभियान चलते थे। तब देखा जाता था कि, मार्केट में इंस्पेक्टर राज और रिश्वतखोरी को बढ़ावा मिलता था। दुकान-दुकान जाकर इंस्पेक्टर विजिट करते थे, इसमें कई बार ईमानदार व्यापारी को भी दिक्कत झेलनी पड़ती थी। क्योंकि, उन्हें साफ-सुथरा काम करने के बावजूद छोटी-मोटी त्रुटि पर प्रताड़ना सहनी पड़ती है। फर्जी कंपनी चलाने वाले बिना एड्रेस के काम कर रहे हैं. उन पर असर नहीं पड़ता है।'

CTI महासचिव ने बताया :

CTI महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि, 'यदि किसी मार्केट में फर्जी व्यापारियों की सूचना है, तो रजिस्टर्ड मार्केट असोसिएशन से संपर्क किया जा सकता है। उनकी मदद लेकर दोषियों को पकड़ सकते हैं। बाजार में अधिकारी पहुंचकर दुकान-दुकान पर सर्वे करेंगे, तो पैनिक फैलता है। इस विषय में दिल्ली के जीएसटी कमिश्नर से भी मुलाकात करेंगे।'

CTI चेयरमैन का कहना :

CTI चेयरमैन बृजेश गोयल का कहना है कि, 'फर्जी डीलर्स या बोगस डीलर्स को खत्म होना चाहिए। इनके खिलाफ एक्शन हो, मगर, कई डीलर्स ऐसे होते हैं, जिसके काम में जाने-अनजाने गड़बड़ी हो जाती है। जो इसलिए होती है क्योंकि ये कई काम में व्यस्त होते हैं। इनकी कई दुकानें और फैक्ट्री होती हैं। कई बार सरकार को भी नहीं मालूम चल पाता कि, गड़बड़ी कहां हुई? तो अब ऐसे हाल में व्यापारी को कैसे पता चलेगा? यदि कोई खरीदारी करेगा, तो वो भी फंसेगा। ग्राहक ने किसी दुकान से माल ख़रीदा है, बाद में पता चला कि, उसका रजिस्ट्रेशन फर्जी कागजों पर हुआ है। ऐसे में बिल बाद में मुश्किलें खड़ी करता है। सरकार को कई बातों का ध्यान रखना होगा जिससे जेनुअन डीलर्स को परेशानी नहीं हो। क्योंकि, यदि ऐसा होता है तो उसे आरोपी बनाने के बजाए विक्टिम समझा जाए। उनके ऊपर कोई सख्ती नहीं हो। इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डेटा जुटाकर एजेंसी के हाथ मजबूत हो गए हैं।'

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