राज एक्सप्रेस। अमेरिका के 16वें सबसे बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) को कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन ने बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) को बैंक का रिसीवर नियुक्त किया है। इसे बैंक में जमा ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बैंक की मूल कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में 9 मार्च को करीब 60% की गिरावट आई। इसके बाद इसे कारोबार से रोक दिया गया। इस वैंक के धराशायी होने की वजह से अमेरिका, 2008 के वित्तीय संकट के बाद, दूसरी बार बड़े संकट से घिर गया दिखता है। मौजूदा संकट की छाया दुनिया भर के प्रमुख शेयर बाजारों में देखी जा सकती है।
कैलीफोर्निया वैली बैंक के शेयर गिरने की वजह से पिछले 2 दिनों में अमेरिकी बैंकों को स्टॉक मार्केट में 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। वहीं यूरोपियन बैंकों को 50 अरब डॉलर का घाटा हुआ है। फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक टेकओवर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उसे ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है। सिलिकॉन बैंक अब 13 मार्च को खुलेगा, सभी इंश्योर्ड डिपॉजिटर्स के पास अपने डिपॉजिट्स निकालने की छूट होगी।
बैंक के पास 2022 के आखिर तक 209 अरब डॉलर की संपत्ति और 175.4 अरब डॉलर की जमा राशि थी। इसमें से 89% राशि इंश्योर्ड नहीं थी। ग्राहकों की 250,000 डॉलर (2.5 करोड़ रुपए) तक की जमा राशि को एफडीआईसी इंश्योरेंस में कवर किया गया है। यानी बैंक बंद होने के बाद भी पैसा ग्राहक को मिल जाएगा। अभी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जिन जमाकर्ताओं के खातों में इससे ज्यादा रकम जमा है, उनके पैसे का क्या होगा। सूत्रों के अनुसार एफडीआईसी ऐसे ग्राहकों को सर्टिफिकेट देगा, इसके आधार पर धन रिकवर होने के बाद इन लोगों को सबसे पहले पैसे लौटाए जाएंगे।
करीब ढाई साल में ये दूसरी बार है, जब एफडीआईसी इंश्योर्ड बैंक बंद हुआ है। इससे पहले अक्टूबर 2020 में अलमेना स्टेट बैंक पर भी ताला लग गया था। रिपोर्ट के अनुसार, सिलिकॉन वैली बैंक का मुख्य कार्यालय और सभी शाखाएं 13 मार्च को फिर से खुलेंगी। बीमित जमाकर्ताओं के पास सोमवार सुबह तक अपनी जमा राशि का एक्सेस होगा। 31 दिसंबर 2022 तक सिलिकॉन वैली बैंक की कुल संपत्ति करीब 209 अरब डॉलर थी जबकि कुल डिपॉजिट करीब 175.4 अरब डॉलर था। पिछले दो दिनों में अमेरिकी बैंकों के शेयर के मार्केट वैल्यू में 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। यूरोपीय बैंकों की वैल्यू में लगभग 50 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
सिलिकॉन वैली बैंक के पास 2021 में 189 अरब डॉलर डिपॉजिट्स थे। बैंक ने पिछले 2 सालों में अपने ग्राहकों के पैसों से कई अरब डॉलर के बॉन्ड खरीदे थे, लेकिन इस इन्वेंस्टमेंट पर उसे कम इन्टरेस्ट रेट के चलते उचित रिटर्न नहीं मिला। इसी बीच फेडरल रिजर्व बैंक ने टेक कंपनियों के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी। एसवीबी के ज्यादातर ग्राहक स्टार्ट-अप्स और टेक कंपनियां थीं जिन्हें कारोबार के लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में वे बैंक से पैसे निकालने लगीं। ब्याज दर बढ़ने की वजह से टेक कंपनियों में निवेशक कम हो गए। फंडिंग नहीं मिलने से कंपनियां बैंक से अपना बचा हुआ पैसा भी निकालने लगीं। लगातार विड्रॉअल की वजह से बैंक को अपनी संपत्ति घाटे में बेचनी पड़ी। संकट से उबरने के लिए बैंक 2.25 अरब डॉलर के नए शेयर बेचने की घोषणा की। इससे कई बड़ी कैपिटल फर्मों में डर का माहौल बन गया। इसके बाद गुरुवार को एसवीबी के स्टॉक में भारी गिरावट आई। शुक्रवार सुबह तक इन्वेस्टर नहीं मिलने की वजह से एसवीबी के शेयरों की बिक्री रोक दी गई। इसके अलावा कई अन्य बैंक शेयरों को भी शुक्रवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया, जिनमें फर्स्ट रिपब्लिक, पीएसीवेस्ट बैनकॉर्प और सिग्नेचर बैंक शामिल हैं।
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