विनिवेश प्रक्रिया शुरू होने की खबर के बाद निवेशकों में शिपिंग कारपोरेशन का शेयर खरीदने की होड़, अपर सर्किट लगा
राज एक्सप्रेस। खबर है कि केंद्र सरकार मई में शिपिंग कार्पोरेशन के निजीकरण के लिए वित्तीय बोली आमंत्रित करने की योजना बनाई है। विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ने की खबर के बीच शिपिंग कॉर्पोरेशन के शेयर में भारी खरीदारी देखने में आई आज के कारोबार में 5 फीसदी का अपर सर्किट लग गया। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सरकार मई में शिपिंग कॉर्प के निजीकरण के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने वाली है। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कई सालों की देरी के बाद सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को बेचना चाहती है। इस खबर के चलते मंगलवार के इंट्राडे कारोबार में जमकर खरीदारी देखने में आई और शिपिंग कॉर्पोरेशन के शेयर में बीएसई में 85.17 रुपए के स्तर पर 5 फीसदी का अपर सर्किट लग गया।
3 माह में यह स्टॉक 40 फीसदी टूटा
पिछले तीन महीने के दौरान शिपिंग कार्पोरेशन का स्टॉक 40 फीसदी टूट चुका है। वहीं, पिछले 3 साल में यह शेयर 107 फीसदी भागा है। फिलहाल 1 बजे के आसपास 84.95 रुपए पर 5 फीसदी के अपर सर्किट पर लॉक है। स्टॉक का आज का दिन का लो 80.95 रुपए का है। स्टॉक का 52 वीक हाई 151.40 रुपए का और 52 वीक लो 79.20 रुपए का है। स्टॉक का वॉल्यूम 1393924 शेयरों का है। आज ये स्टॉक 81 रुपए पर खुला था। वहीं, कल इसकी क्लोजिंग 80.95 रुपए पर हुई थी। एक समाचार एजेंसी ने दो सरकारी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया है कि सरकार मई में शिपिंग कॉर्प के निजीकरण के लिए वित्तीय बोली आमंत्रित करने की योजना बना रही है। सरकार अब इस पीएसयू को कई वर्षों की देरी के बाद जल्दी बेचना चाहती है। राज एक्सप्रेस इस खबर की पुष्टि नहीं करता। यह समाचार संग्रहीत करते समय हमय हमारे संवाददाता ने स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि करने का प्रयास किया, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी।
डिमर्जर के बाद बनी कंपनी को को लेकर विवाद
10 नवंबर 2021 को कंपनी ने सभी जरूरी मंजूरियों के बाद शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड नाम की एक पूर्णस्वामित्व वाली सहायक कंपनी का गठन किया है। विनिवेश की प्रक्रिया को तहत इस सहायक कंपनी में शिपिंग कॉर्पोरेशन के नान-कोर एसेट्स को ट्रांसफर किया जाएगा। बल्क कैरियर और कच्चे तेल के टैंकरों को संचालित करने वाली शिपिंग कॉर्प को सरकार द्वारा कंपनी में अपनी 63.75 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से पहले कंपनी के नान-कोर एसेट्स को अलग करके इसको डीमर्ज की गई इकाई शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड को ट्रांसफर करना होगा। डिमर्जर के बाद बनी कंपनी को कितना फंड ट्रांसफर करना है, इस बात को लेकर गतिरोध पैदा हो गया है। शिपिंग कॉर्पोरेशन ने फरवरी के अंत में रेग्यूलेटरी मंजूरी प्राप्त करने के बाद अपने नान-कोर एसेट्स को अलग करके इसको डिमर्जर के बाद बनी शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड (एससीआई लैंड एसेट्स लिमिटेड) नाम की एक पूर्णस्वामित्व वाली सहायक कंपनी को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। बता दें कि एससीआई लैंड ऐसेट्स को 23 अप्रैल से पहले लिस्ट कराना होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की योजना इस प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लेने की है।
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