Warren Buffet and  Charlie Manger
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पारलौकिक जीवन में यकीन करते थे चार्ली मंगेर, कहा करते थे धन-दौलत किसी के साथ नहीं जाती

बर्कशायर हैथवे के सीईओ वारेन बफेट के गहरे दोस्त और कंपनी के उपाध्यक्ष चार्ली मंगेर बेहद जिंदादिल इंसान थे। उनका जीवन के प्रति दृष्टिकोंण बेहद साफ था।
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हाईलाइट्स

  • चार्ली मंगेर बेहद जिंदादिल इंसान थे। उनका जीवन के प्रति दृष्टिकोंण बेहद साफ था।

  • इस जीवन में जुटाए संसाधनों का पारलौकिक जीवन में कोई महत्व नहीं है।

  • चार्ल्स मंगेर को नहीं था डेरिवेटिव और क्रिप्टो करेंसी पर बिल्कुल भरोसा।

राज एक्सप्रेस। दुनिया के प्रख्यात निवेशक और बर्कशायर हैथवे के सीईओ वारेन बफेट के गहरे दोस्त और कंपनी के उपाध्यक्ष चार्ली मंगेर बेहद जिंदादिल इंसान थे। उनका जीवन के प्रति दृष्टिकोंण बेहद साफ था। उनका मानना था कि इस जीवन में जुटाए गए संसाधनों का पारलौकिक जीवन में कोई महत्व नहीं है। इससे पता चलता है कि संसार के प्रति उनका दृष्टिकोण कितना निस्पृह था। अरबपति कारोबारी होने के बावजूद उनकी धन संग्रह में बिल्कुल आसक्ति नहीं थी। वह धन को लोकोपकार का जरिया मानते थे। यही वजह है कि वह अपने धन का खूब दान किया करते थे।

चार्ली मंगेर से 2013 में किसी ने पूछा कि वह बर्कशायर हैथवे के अपने स्टॉक का बड़ा हिस्सा दान क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने किसी भारतीय मनीषी की तरह जवाब दिया था कि मैं जानबूझकर अपना नेटवर्थ कम कर रहा हूं। यह सच्चाई है कि मैं हमेशा जीवित नहीं रहने वाला हूं। और मृत्यु के बाद मैं जहां जाने वाला हूं, वहां मुझे धन-संपत्ति की कोई जरूरत नहीं पड़ने वाली। चार्ली मंगेर का यह जबाव उनके व्यक्तित्व को पूरी तरह से स्पष्ट कर देता है। छह दशक से भी ज्यादा समय तक वॉरेन बफे के सहयोगी रहे चार्ली मंगेर का बीते मंगलवार 28 नवंबर को निधन हो गया। है1

वह अगर कुछ दिन और जीवित रहते तो जनवरी 2024 को वह 100 साल के हो जाते। चार्ली मंगेर अपने समय के बेहद सफल निवेशक थे। चार्ल्स मंगेर ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में की थी, लेकिन जब वह वारेन बफेट के संपर्क में आए तो उनमें शेयर बाजार के प्रति दिलचस्पी पैदा हुई। मंगेर प्रयोगधर्मी थे उन्होंने निवेश का तरीका बदलकर रख दिया। वारेन बफेट उनके तरीकों से बेहद प्रभावित हुए। वह अक्सर स्वीकार करते थे कि अगर उनके जीवन में चार्ल्स मंगेर नहीं आते, तो वह इतने बड़े निवेशक कभी नहीं बन पाते।

चार्ली मंगेर से मुलाकात से पहले वारेन बफेट अपने गुरु बेंजामिन ग्राहम के सिद्धांतों के हिसाब से चलते थे। उन दिनों में वह किसी ऐसे बिजनेस में हिस्सेदारी खरीदने के लिए उत्सुक रहते थे, जो सस्ता हो। बाद के दिनों में चार्ली मंगेर ने वारेन बफेट को बेहतर कीमतों पर मजबूत बिजनेस में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। यह बदली हुई रणनीति को अंततः वारेन बफेट ने स्वीकर किया और इसके परिणामस्वरूप उनकी नेटवर्थ में उल्लेखनीय बड़ोतरी देखने को मिली । चार्ली मंगेर का मानना था कंपनी का काबिल प्रबंधन द्वारा संचालित किया जाने वाला बिजनेस भविष्य में निश्चित ही विकास करेगा और इसका उन्हें लाभ मिलेगा।

उनकी इस तरकीब से फायदा हुआ तो वारेन बफेट उन पर भरोसा करने लगे। उनके भरोसे के लिए एक बड़ी परीक्षा की घड़ी 1971 में आई, जब चार्ली मंगेर ने वारेन बफेट को कैलिफोर्निया की एक कंपनी को उसकी नेवटर्थ से तीन गुना ज्यादा दाम पर खरीदने पर सहमत करने का प्रयास किया। बेहद सतर्कता से खरीदारी करने वाले वारेन बफेट ऐसी किसी खरीदारी की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। हालांकि, चार्ली मंगेर के जोर देने पर वारेन बफेट अंततः अनमने मन से इस डील के लिए राजी हो गए। वारेन बफेट ने बाद में स्वीकार किया कि इस डील से ही बर्कशायर हैथवे की सफलता की बुनियाद तैयार हुई।

वारेन बफेट ने 2015 में लिखा चार्ली कई साल से इस रणनीति को लेकर अनुरोध कर रहे थे, लेकिन मुझे यह बात काफी देर में धीरे-धीरे समझ में आई। चार्ली की सलाह सिर्फ अपने मित्र और बिजनेस पार्टनर तक ही नहीं थी। वह अन्य लोगों को भी दिलचस्पी के साथ कारोबारी रणनीतियां सिखाते थे। वारेन बफेट बर्कशायर हैथवे की एक वार्षिक सामान्य सभा (एजीएम) का अक्सर जिक्र करते हैं, चार्ली मंगेर ने एक बेहद उपयोगी सलाह दी थी। एजीएम में उन्होंने कहा कि आप जितना कमाते हैं, आपको उससे कम खर्च करना चाहिए। बचे हुए पैसों को समझदारी के साथ निवेश करना चाहिए। साथ ही गलत लोगों और गलत गतिविधियों से बचना चाहिए। आगे बढ़ना है तो आपको अपनी गतिविधियों से लागातार सीखते हुए चलना चाहिए।

अगर आप सीखने का क्रम जारी रखते हैं तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे। उन्होंने आगाह किया था कि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको भाग्य के सहारे की जरूरत पड़ेगी। बर्कशायर हैथवे की 1995 में हुई एजीएम में चार्ली मंगेर ने डेरिवेटिव्स को लेकर असहमति जताई थी। उस समय ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर्स ने फ्यूचर एंड ऑप्शंस के बारे में सुना भी नहीं था। उन्होंने कहा अगर मेरा बस चलता, तो एक्सचेंजों में ऑप्शंस को अनुमति नहीं मिलती। इसी तरह प्टोकरेंसी को लेकर भी उनकी राय अच्छी नहीं थी। वह कहते थे क्रिप्टोकरेंसी न तो करेंसी है, न कमोडिटी है और न ही सिक्योरिटी। यह वास्तव में एक गैंबलिंग कॉन्ट्रैक्ट है।

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