राज एक्सप्रेस। पंजाब नेशनल बैंक से सामने आये बड़े घोटाले का मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी जिसे भारत द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया था, उसे 19 मार्च को लंदन में पकड़ा गया था और तब से उस पर लंदन में ही केस चल रहा है। वहीं, अब नीरव मोदी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आरही हैं। क्योंकि, लंदन की अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ भारतीय सबूतों को स्वीकार कर लिया है।
अदालत ने भारतीय सबूतों को किया स्वीकार :
दरअसल, लंदन की अदतलत ने वीडियो लिंक के जरिए नीरव मोदी के मामले की सुनवाई की और इस दौरान ब्रिटिश अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ पेश किए गए भारतीय सबूतों को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने सुनवाई के दौरान सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पेश कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के खिलाफ और पक्ष में दलीलें सुनीं। बता दें, इस सुनवाई से पहले जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में नीरव मोदी के मामले पर सुनवाई की थी।
7 और 8 जनवरी को अंतिम सुनवाई :
बताते चलें, नीरव मोदी पिछले साल मार्च से दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बन्द हैं। उसे भारत द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। वहीं, लंदन से अब उसे भारत भेजने को लेकर लन्दन की अदालत में मामला चल रहा है। पिछले सुनवाई के बाद नीरव मोदी को 1 दिसंबर तक रिमांड में भेजा गया था। कोर्ट का यह फैसला भारतीय अफसरों के लिए एक छोटी कामयाबी साबित हो सकता है। इन भारतीय अफसरों का मकसद नीरव मोदी को देश में प्रत्यर्पित करना है। दोनों पक्ष अगले साल 7 और 8 जनवरी को अंतिम सुनवाई करेंगे।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के दोषी :
ज्ञात हो, पंजाब नेशनल बैंक घोटाला 11 हज़ार करोड़ रुपए (1.8 अरब डॉलर) से ज़्यादा रूपये के घोटाले का मामला है जो, बैंक की मार्केट वैल्यू का क़रीब एक-तिहाई और साल 2017 की आख़िरी तिमाही के मुनाफ़े का 50 गुना था। ये घोटाला मुंबई की एक ब्रांच से गलत ट्रांसेक्शन के द्वारा किया गया था। इस घोटाले में मुख्य तौर पर 2 डायमंड कंपनियों के मालिक नीरव मोदी का नाम सामने था साथ ही गीतांजलि जेम्स लिमिटेड कंपनी के प्रमुख मेहुल चौकसी का नाम भी इस मामले से जुड़ा था।
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