हाइलाइट्स :
GDP आंकड़े जारी होने से पहले केवी सुब्रमण्यम ने दिया बयान
भारत की GDP के 2019 की जुलाई-सितंबर के आंकड़े हुए जारी
नई कंपनियों के टैक्स की दर को 17% से घटाकर 15% किया
कॉर्पोरेट टैक्स को 30% घटाकर 22% करने की घोषणा
राज एक्सप्रेस। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यम ने GDP के आंकड़े जारी होने से पहले कॉरपोरेट टैक्स की दर को निवेश के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि, "पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान विकास चक्र पहले जैसा नहीं रहा"। सुब्रमण्यम ने सरकार के फैसलों की तारीफ की और कहा, सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की है। वहीं आज GDP की दर के आंकड़े जारी हुए हैं।
GDP जुलाई-सितंबर 2019 के आंकड़े :
आज भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) जुलाई-सितंबर 2019 के आंकड़े जारी किये गए, जिसमे GDP 4.5 प्रतिशत बड़ी हुई दर्ज की गई है, हालांकि यह आंकड़े 2012-13 की चौथी तिमाही के बाद से सबसे कम आंकड़े है। इन आंकड़ों के आधार पर अर्थव्यवस्था में गहरी मंदी की आशंका की पुष्टि की जा सकती है।
GDP के आंकड़े :
29 नवंबर 2019 अर्थात आज जारी हुए नए राष्ट्रीय आय के आंकड़ों से साफ़ पता चला कि, अर्थव्यवस्था वर्तमान में छह वर्षों में सबसे खराब मंदी से गुजर रही है। भारत अब 2012 के बाद से 2019-20 में 6 प्रतिशत वार्षिक GDP वृद्धि की वास्तविक संभावना को देख रहा है, जो दुनिया की अर्थव्यवस्था में गिरावट के बीच है। वहीं जुलाई-सितंबर 2019 में GDP की दर 4.3 प्रतिशत बढ़ी, जबकि यह पिछले साल की तिमाही में 4.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 6.9 प्रतिशत थी। अप्रैल-जून में दर्ज की गई GDP की दर 5% रही और पिछले साल जुलाई-सितंबर में 7.1% रही थी।
कृषि और कारखाने के उत्पादन क्षेत्र की दर :
2019-20 की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र में 2.1% की दर से वृद्धि हुई, जो इस वर्ष मॉनसून वर्षा के बहुत देर से आगमन को दर्शाता है, जिससे भारत की मुख्य फसल ग्रीष्मकालीन खरीफ की फसल में बुवाई प्रभावित होती है। यदि बात विनिर्माण क्षेत्र की हो तो, जो देश के कारखाने के उत्पादन का लगभग 75% है, उसमे जुलाई-सितंबर 2019 में -1% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
SIAM के आंकड़े :
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर के दौरान यात्री वाहन की बिक्री में 23.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।
सरकार ने लिए हैं कई बड़े फैसले :
20 सितंबर 2019 को, मिनी-बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यापक अर्थव्यवस्था में विकास को दोबारा जीवित करने के उपायों के एक नए सेट में, कॉर्पोरेट आयकर दरों में बड़े बदलावों की घोषणा की थी,
देश को आर्थिक सुस्ती से बचाने और बाहर निकालने को लेकर सरकार ने पिछले कुछ माह में कई बड़े फैसले लिए हैं जिनमें सितंबर में लिया कॉर्पोरेट टैक्स को 30% घटाकर 22% करने की घोषणा की थी।
भारत में प्रभावी कॉर्पोरेट कर की दर उपकर और सरचार्ज को मिलाकर अब कॉर्पोरेट कर से घटकर 25.17% ही रह गई है।
1 अक्टूबर 2019 के बाद स्थापित होने वाली नई कंपनियों के टैक्स की दर 17 % से घटाकर 15 प्रतिशत कर दी गई। जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिले।
हाउसिंग सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर, ऑटो सेक्टर की आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए थे।
क्या है कॉर्पोरेट टैक्स ?
कॉर्पोरेट टैक्स एक तरह का टैक्स होता है जो, प्राइवेट लिमिटेड, सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियों पर लगाया जाता है। यह टेक्स कंपनियों की आय के अनुसार लगाया जाता है। कॉर्पोरेट टैक्स सरकार के साल भर के राजस्व का प्रमुख जरिया होता है। कॉर्पोरेट टैक्स को निगम टैक्सर या कंपनी टैक्स भी कहा जा सकता है।
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