Johnson & Johnson को मिली बेबी पाउडर बनाने की अनुमति, कंपनी अब भी नहीं कर सकेगी बिक्री
राज एक्सप्रेस। जैसा कि सभी जानते हैं कि, जॉनसन एंड जॉनसन' (Johnson & Johnson - J&J) भारत के कंज्यूमर हेल्थकेयर, मेडिकल डिवाइस और फार्मा प्रोडक्ट का बिजनेस करती है, लेकिन यह कंपनी बच्चों के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने के लिए मुख्य तौर पर जानी जाती है। वहीं, पिछले कुछ समय से कंपनी के बेबी टैल्कम पाउडर को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आने के बाद कंपनी ने बड़ा फैसला लेते हुए इसे हमेशा के लिए बंद करने का ऐलान कर दिया था। हालांकि, अब एसी खबर सामने आई है कि, Johnson & Johnson को बेबी पाउडर बनाने की अनुमति मिल गई है। हालांकि, कंपनी अब भी इसकी बिक्री नहीं कर सकेगी। जाने ऐसा क्यों ?
J&J को बेबी पाउडर बनाने की मिली अनुमति :
दरअसल, पिछले कई सालों से ऐसी ख़बरें आती रहीं है कि, Johnson & Johnson कंपनी के बेबी टैल्कम पाउडर के चलते कई महिलाओं को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई। जिसके बाद कंपनी पर कई बार जुर्माना तो लगा ही, साथ ही Johnson & Johnson के बेबी टैल्कम पाउडर की बिक्री अगले साल यानी 2023 से बंद करने के आदेश दे दिए गए थे। हालांकि, अब कंपनी को पाउडर बनाने की अनुमति तो मिल गई है, लेकिन कंपनी अभी भी इसकी बिक्री नहीं कर सकेगी क्योंकि, इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) से कहा है कि, 'वह अपने मुलुंड प्लांट में बेबी पाउडर बना सकती है, लेकिन इसकी बिक्री की इजाजत नहीं होगी।'
हाईकोर्ट की सुनवाई :
बताते चलें, बुधवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा कि, 'कंपनी बेबी पाउडर प्रोडक्शन अपने रिस्क पर करे। इसके डिस्ट्रीब्यूशन और सेल पर पाबंदी रहेगी।' इसके अलावा हाईकोर्ट ने कंपनी के बेबी पाउडर के सैंपल की फिर से जांच करने के भी आदेश दिए हैं, जिसे दो हफ्ते के भीतर पूरा करना होगा। बता दें, कोर्ट के आदेश पर बेबी पाउडर के यह सैंपल महाराष्ट्र का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA लेगा और उसे री-टेस्टिंग के लिए दो सरकारी लेबोरेटरी और एक प्राइवेट लेबोरेटरी में भेज देगा। याद दिला दें, महाराष्ट्र सरकार ने Johnson & Johnson का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को 15 और 20 सितंबर को कैंसिल करने के आदेश दिए थे। इसके बाद कंपनी ने इस मामले में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट ने बुधवार को की।
महाराष्ट्र सरकार ने कैंसिल किया था कंपनी का लाइसेंस :
बताते चलें, महाराष्ट्र सरकार ने अपने दो देशों में पहला मुलुंड प्लांट में बेबी पाउडर बनाने का लाइसेंस कैंसिल करने और दूसरा आदेश मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन रोकने को लेकर दिया था। सरकार ने FDA की रिपोर्ट सामने आने के बाद 'सार्वजनिक हित' को ध्यान में रखते हुए कंपनी का लाइसेंस कैंसिल किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, 'कंपनी के मुलुंड प्लांट में बने बेबी पाउडर का सैंपल 'स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं' है। पाउडर की pH वैल्यू बच्चों की हेल्थ के लिए मेंडेटरी लिमिट से ज्यादा थी। कंपनी को उस प्रोडक्ट के स्टॉक को बाजार से वापस मंगाने को भी कहा था।'
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