लंदन को पहली बार जामुन का निर्यात

दुनियाभर के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढती जागरुकता और मधुमेह रोधी गुणों के कारण देश से पहली बार काले कलूटे जामुन का लंदन को निर्यात किया गया है।
लंदन को पहली बार जामुन का निर्यात
लंदन को पहली बार जामुन का निर्यातSyed Dabeer Hussain - RE
Published on
Updated on
2 min read

राज एक्सप्रेस। दुनियाभर के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता और मधुमेह रोधी गुणों के कारण देश से पहली बार काले कलूटे जामुन का लंदन को निर्यात किया गया है। उत्तर प्रदेश से लंदन में जामुन की पहली सफल खेप के निर्यात ने निर्यातकों और किसानों को इस स्वदेशी फल की खेती एवं व्यापार की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। पहली बार बिठूर (कानपुर) में उत्पादित जामुन के फलों का निर्यात कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) पंजीकृत निर्यातक द्वारा जून के पहले सप्ताह में किया गया और निर्यात जारी रखा जा रहा है जो टनों में है। हाल के वर्षों में भारतीयों और विदेशों में जामुन के फलों की लोकप्रियता में अपार वृद्धि हुई है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहायक महाप्रबंधक डॉ. सी बी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जामुन का लंदन के बाजार में स्वागत हो रहा है और आम के अलावा इस फल के निर्यात की भी काफी संभावनाएं हैं। निर्यातकों को गुणवत्ता वाले फल और पैकेजिंग प्रौद्योगिकी के कारण दूर के बाजारों में शिपमेंट भेजने में सफलता मिली। जामुन की मांग को देखते हुए यूरोप और मध्य पूर्व देशों में उच्च गुणवत्ता वाले जामुन के फलों के निर्यात की अच्छी संभावनाएं है।

जामुन मधुमेह रोधी गुणों के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट के साथ ही बड़ी संख्या में बायोएक्टिव यौगिक भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनका मानव स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के प्रमाण वैज्ञानिक प्रयोगों पर आधारित है। अविश्वसनीय बायोएक्टिव यौगिक हृदय, स्वास्थ्य, पाचन और मसूड़ों के स्वास्थ्य सुधार में सहायता करते हैं। जामुन के कई स्वास्थ्य लाभों के कारण इसके शौकीन कुछ लोग गूदे का आनंद तो लेते ही हैं और स्वास्थ्य सप्लीमेंट के रूप में उपभोग करने के लिए गुठली का पाउडर बनाकर रख लेते हैं।

पहले जामुन की निर्यात संभावनाओं से अनभिज्ञ निर्यातक अब इस अनोखे फल को यूरोपीय देशों में निर्यात करने की योजना बना रहे हैं जहां लोग इस तरह के दुर्लभ और विदेशी उत्पाद के लिए प्रीमियम मूल्य का भुगतान करने को तैयार हैं। अधिकांश यूरोपीय बाजारों में जामुन एक दुर्लभ फल है नतीजतन अगर इस फल के व्यवस्थित निर्यात को प्रोत्साहित किया जाता है तो उत्पादक और निर्यातक उचित लाभ कमा सकेंगे।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com