अब हुआ फर्जी सिम कार्ड या रजिस्ट्रेशन तो हो जाओ जेल-जुर्माने के लिए तैयार
राज एक्सप्रेस। जिस प्रकार भारत आज हर क्षेत्र में स्मार्ट तरीके अपनाता नज़र आ रहा है, उसका फायदा यह है कि, प्रोसेस जल्दी होने से ग्राहकों का समय बचता है और नुकसान यह है कि, ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते कुछ सालो में ऑनलाइन फ्रॉड के बहुत से मामले प्रकाश में आए हैं। जिससे लोगों की मेहनत की कमाई कुछ मिनटों में फ्रॉड करने वालो के पास पहुंच जाती है। इनमे बहुत से मामले फर्जी कॉल और फर्जी सिम के माध्यम से किए जाते हैं। इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए देश के दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक नया नियम बनाया है। इस नियम के तहत जुर्माने का सिस्टम लागू किया गया है।
क्या है DoT का नया नियम ?
दरअसल, आज देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जो, अपनी पहचान छुपाकर फर्जी डाक्यूमेंट्स से सिम कार्ड खरीदते है और उनसे अपराधिक मामलों को अंजाम देते है। जबकि, अपनी पहचान छिपा कर सिम खरीदना एक जुर्म है तो अब दूरसंचार विभाग (DoT) इस जुर्म पर जुर्माना लगाएगा। जी हां, अब यदि आप फर्जी आईडी कार्ड पर सिम खरीदते है या रखते हैं तो आपको एक साल तक जेल में रहना पड़ सकता है। साथ ही 50 हजार रुपये तक का जुर्मान भी देना होगा। इसके अलावा यदि आप WhatsApp, Signal और Telegram जैसे अकाउंट पर भी अपनी पहचान छिपाकर फर्जी रजिस्ट्रेशन करके चैट करते पाए गए तो आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
टेलीकॉम बिल के सेक्शन का कहना :
दूरसंचार विभाग (DoT) के अनुसार, लगातार देश में साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं। लोग धोखाधड़ी के शिकार होते जाते है और लोग अवैध गतिविधियां करने में एक बार नहीं सोचते हैं, इन मामलों में बहुत से मामले फर्जी दस्तावेजों से ली हुई सिम के भी पाए गए। जो अपनी पहचान छुपा कर ओटीटी प्लेटफॉर्म में खुद को रजिस्टर करते हैं और इस तरह की वारदातों को अंजाम देते हैं। इस नए नियम से लोगों में जुर्माने और जेल जाने का डर पैदा होगा, जिससे वह इस तरह के क्राइम करने से डरेंगे और देश में अपने आप इन मामलों में कमी दर्ज होगी। टेलीकॉम बिल के सेक्शन 7 के सब-सेक्शन 4 में कहा गया है कि, ग्राहकों को अपनी असली पहचान बताना ही पड़ेगी।
बिना वारंट के होगी गिरफ्तारी :
इस मामले में एक ड्राफ्ट जारी किया गया है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, यदि आप इस तरह के मामलों में आरोपी पाए गए तो आपकी गिरफ्तारी बिना वारंट के भी की जा सकती है। साथ ही बिना कोर्ट के आदेश के आपकी जांच भी की जाएगी। बता दें, इस मामले में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि, 'सरकार ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और यह अनिवार्य कर दिया है कि आगे चलकर यहां तक कि ओटीटी प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप-सिग्नल के यूजर्स को भी KYC की औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। टेलीकॉम बिल 6-10 महीनों में लागू हो जाएगी।'
दूरसंचार मंत्री का कहना :
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, 'जिन एप्स का भी इस्तेमाल कॉलिंग या किसी भी तरह के कम्युनिकेशन के लिए होता है वे सभी नए टेलीकॉम बिल के अंतर्गत आएंगे। यूजर्स के मैसेज को सरकार डिक्रिप्ट नहीं करेगी यानी मैसेज या कॉल पहले की तरह ही सिक्योर होंगे। फोन कॉल रिसीव करने वाले को हमेशा मालूम होना चाहिए कि कॉल किसने किया है और उसकी पहचान क्या है।'
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