Whatsapp New Privacy : अपनी नई पॉलिसी के चलते दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली लोगों की लोकप्रिय ऐप Whatsapp की मुश्किलें दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही हैं। दरअसल, WhatsApp ने अपनी एक नई पॉलिसी पेश करने की घोषणा की थी। जिसके तहत कंपनी ने कहा है कि, वह यूजर्स का डाटा अपनी मर्जी से एक्सेस कर सकती है। इस पॉलिसी के चलते यूजर्स को लग रहा है कि, अब कंपनी उनकी प्राइवेसी भंग कर देगी। इसी के चलते देशभर में WhatsApp को लेकर बवाल मचा हुआ है। इतना ही नहीं भारत सरकार भी WhatsApp को लेकर एक्शन में नजर आ रही है। इसी बीच मोदी सरकार ने पत्र लिख कर WhatsApp को चेतावनी दे डाली है।
मोदी सरकार की WhatsApp को चेतावनी :
दरअसल, ने जिस प्रकार केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दिनों कई चीनी ऐप्स को लेकर सख्ती दिखाई थी। वहीं, अब सरकार Whatsapp के प्रति भी सख्त रवैया अपनाने पर विचार कर रही है। सरकार ने कहा है कि, कंपनी अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर फिर से सोचे। साथ ही यूरोप और भारत के यूजर्स में किसी प्रकार का कोई भेदभाव न करे। इसके अलावा सरकार ने Whatsapp से अपनी पॉलिसी के नए अपडेट को वापस लेने के आदेश भी दिए हैं। इस मामले में सरकार के IT मंत्रालय ने Whatsapp के CEO को एक पत्र लिख कर चेतावनी दी है।
IT मंत्रालय का पत्र :
IT मंत्रालय द्वारा Whatsapp के CEO को लिखे गए पत्र में लिखा है कि, 'Whatsapp की नई पॉलिसी को वापस लिया जाए। क्योंकि, नई पॉलिसी के तहत Whatsapp यूजर्स का डाटा फेसबुक की दूसरी कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा। इससे यूजर्स के डाटा और प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। Whatsapp ने ग्राहकों को नई पॉलिसी को स्वीकार करने या न करने का विकल्प भी नहीं दिया है। यानी नई पॉलिसी अस्वीकार करने से यूजर Whatsapp का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। Whatsapp यूरोप और बाकी देशों के यूजर्स में भेदभाव कर रहा है। भारत पहले से ही जब डाटा प्रोटेक्शन कानून बनाने की तैयारी में है तो फिर Whatsapp ऐसी पॉलिसी क्यों लेकर आया?'
IT मिनिस्टर ने कही यह बात :
इस पत्र के बाद संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद मंगलवार को 15 वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन का हिस्सा बने। वहां उन्होंने भी Whatsapp को लेकर एक सख्त बयान जारी किया। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि, 'चाहे WhatsApp हो, Facebook हो या कोई दूसरा डिजिटल प्लेटफॉर्म, आप भारत में बिजनेस करने को स्वतंत्र हैं, लेकिन भारतीयों के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। सभी को निजी संचार की शुचिता बनाए रखने की जरूरत है। भारत में 1.3 अरब लोगों की आबादी के साथ अरबों का डेटा है और हम अपनी डिजिटल संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं करेंगे।'
मंत्रालय कर रहा अपना काम :
आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि, 'WhatsApp के मुद्दे पर IT मंत्रालय अपना काम कर रहा है। इस पर निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते फिलहाल टिप्पणी करना उचित नहीं होगा, लेकिन एक बात स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि, चाहे कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म हो, भारतीय नागरिकों की प्राइवेसी से समझौता नहीं किया जा सकता। डाटा को सहमति से हासिल करना चाहिए। इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए, जिसके लिए इसे एकत्र किया गया है। मैं चाहता हूं कि, भविष्य में भारत डाटा अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र बने। जब मैं डाटा अर्थव्यवस्था की बात करता हूं तो मेरा मतलब डाटा प्रोसेसिंग और इनोवेशन से है। दुनिया हमारे डाटा कानून की ओर देख रही है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं।'
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।