IT डिपार्टमेंट ने Huawei India के CEO ली जिओंगवेई के खिलाफ जारी किया LOC
राज एक्सप्रेस। भारत में पिछले कुछ समय में बैंको और कंपनियों से जुड़े कई घोटाले सामने आए हैं। इसलिए अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नियमों में सख्ती और समय-समय पर जांच पड़ताल करना शुरू कर दिया है। वहीं, अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चाइना की कंपनी हुवावे इंडिया (Huawei India) के CEO ली जिओंगवेई के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है।
Huawei के CEO के खिलाफ लुक आउट जारी :
बताते चलें, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हुवावे इंडिया (Huawei India) के CEO ली जिओंगवेई के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है। यह LOC इसलिए किया गया है क्योंकि, डिपार्टमेंट को CEO के चीन जाकर न लौटने का अंदेशा हो रहा था। इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने Huawei India के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। साथ ही कंपनी पर टैक्स चोरी करने का आरोप भी लगाया है। जब इस मामले में डिपार्टमेंट ने CEO ली जिओंगवेई से पूछताछ की पूछताछ के दौरान जब उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिए तो, उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर ( LOC ) जारी कर दिया गया था।
IT डिपार्टमेंट ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा :
IT डिपार्टमेंट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि, 'अगर CEO ली चीन चले जाएंगे तो, उन्हें वापस लाना बहुत मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि इंडिया की चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है।' उधर हुवावे इंडिया के CEO ली ने एलओसी को चुनौती देने वाली याचिका के दौरान कोर्ट में कहा कि ‘मैं एक चीनी हूं और मैं टेररिस्ट नहीं हूं’।' उनके इस बयान की चर्चा सोशल मीडिया काफी जमकर हो रही है, क्योंकि उनके इस बयान को एक्टर शाहरुख खान की फिल्म के एक सीन में बोले गए बयान ‘माई नेम इज खान एंड एम नॉट अ टेररिस्ट’ से जिद कर देखा जा रहा है।
याचिका खारिज करने की मांग :
IT डिपार्टमेंट ने कोर्ट से ली जिओंगवेई की याचिका खारिज करने की मांग की है। इस मामले में ली जिओंगवेई के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि, 'Huawei कंपनी के CEO के खिलाफ LOC जारी करके विभाग अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है। यह नोटिस केवल संज्ञेय अपराध के लिए जारी किया जा सकता है, लेकिन ली को शामिल करने वाला अपराध एक गैर संज्ञेय अपराध है।' उधर आयकर विभाग ने कहा कि, 'CEO के खिलाफ जारी LOC कानूनन सही है। इसे रद्द करने का कोई आधार नहीं है। Huawei के CEO के मामले में विभाग ने कोर्ट से कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी देश का आर्थिक हित होगा।'
कोर्ट ने पूछे सवाल :
कोर्ट ने ली के वकील से सवाल पूछा कि, 'क्या होगा अगर कल वह चीन चले जाए और कभी वापस न आए?' इसके बाद वकील अग्रवाल ने ली के देश छोड़ने से पहले विभाग को 7 दिन की अग्रिम सूचना देने की बात कही। इसके अलावा कोर्ट ने ली की सालभर के सैलरी भी पूछी। इसके साथ ही भारत में रहने वाले उनके रिश्तेदारों और उनकी संपत्तियों की भी जानकारी ली। कोर्ट ने ली के वकील से अगले हफ्ते 2 जमानतदारों की व्यवस्था करने को कहा और बताया कि फैसला अगले हफ्ते होगा।
गौरतलब है कि, IT डिपार्टमेंट द्वारा फरवरी में Huawei कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। विभाग को जानकारी मिली थी कि, कंपनी के पास बेहिसाब आय है। इस दौरान कंपनी के CEO ली से पूछताछ भी की गई थी। विभाग ने बताया था कि, 'ली ने अपनी जिम्मेदारी किसी और व्यक्ति के कंधे में डाल दी। उन्होंने हमारी तरफ से पूछे गए सवालों के संतोषजनक जवाब भी नहीं दिए।'
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