अंतरिम बजट-2024 बेहद संतुलित, केंद्र ने वित्तीय अनुशासन के साथ सभी वर्गों का रखा ध्यानः चौहान

Interim Budget-2024: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया करते हुए इसे बेहद संतुलित बताया है।
Ashish kumar Shrivastav
Ashish kumar ShrivastavRaj Express
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हाईलाइट्स

  • विकास, कल्याणवाद और राजकोषीय संयम पर केंद्रित रहा यह बजट

  • अंतरिम बजट में सरकार ने सभी वर्गों का रखा है ध्यान

  • बुनियादी क्षेत्र पर दिया गया विशेष ध्यान, विकास को मिलेगा बढ़ावा

राज एक्सप्रेस। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया करते हुए इसे बेहद संतुलित बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्गौं के हितों का ध्यान रखा गया है। यह बजट नीतियों और कराधान पर निरंतरता सुनिश्चित करते हुए विकास, कल्याणवाद और राजकोषीय संयम पर केंद्रित रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च के माध्यम से क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार निर्मित होंगे।

इस बजट में सभी वर्गों का रखा गया है ध्यान

इस अंतरिम बजट में गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए प्रावधान किए गए हैं, जो समग्र आर्थिक विकास के लिहाज से एक अच्छा संकेत है। वित्त वर्ष 23-24 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटे (5.8 प्रतिशत) में दरअसल बजट अनुमान से 10बीपीएस का सुधार है। फिस्कल कंसोलिडेशन सबसे आगे है और केंद्र में बना हुआ है। आशीष चौहान ने कहा कि वित्त वर्ष 24-25 के लिए राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य तय किया गया है। जो पिछले साल संशोधित अनुमान 5.8% से कम है।

राजकोषीय घाटा 4.5 % के स्तर तक लाने का लक्ष्य

इसे वर्ष 25-26 तक 4.5 प्रतिशत के स्तर तक लाने का लक्ष्य है। यह कमी सरकार की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है, जो जीडीपी का 3.4% है। यह पिछले 26 वर्षों में सबसे अधिक है, जिसमें सड़क, परिवहन और रेलवे पर विशेष ध्यान दिया गया है।

पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव

इसका तात्पर्य पिछले पांच साल की अवधि में 27 फीसदी कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से है। व्यय की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है, पूंजीगत व्यय अब कुल व्यय का 23.3 प्रतिशत है, जो 30 वर्षों में सबसे अधिक है। बिजली, स्वास्थ्य, आवास, रसोई गैस और वित्तीय समावेशन पर कवरेज के साथ गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आज एक सामाजिक सुरक्षा ढांचा मौजूद है। कुल मिलाकर, यह बाज़ारों के लिए एक सकारात्मक बजट है, जिसमें विकास, विवेकशीलता और पारदर्शिता पर ध्यान दिया गया है।

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