एक अप्रैल से सिर्फ डिजिटल फॉर्मैट में ही जारी की जाएगी आपकी उन्स्योरेंस पालिसी
यह बिल्कुल पेपरलेस शेयरों की तरह ही है। एक ही खाते में होंगी सभी बीमा पालिसियां
डीमैट के विपरीत एक व्यक्ति का एक ही बीमा अकाउन्ट खोला जा सकता है
राज एक्सप्रेस । इन्स्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी आफ इंडिया (इरडा) के दिशा-निर्देशों के आधार पर बीमा के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के अनुसार अगर आप एक अप्रैल के बाद बीमा यानी इंश्योरेंस खरीदने का प्रयास करेंगे तो बीमा कंपनी सिर्फ डिजिटल फॉर्मैट में ही आपकी पॉलिसी जारी करेगी। बीमा रेगुलेटर इरडा, बीमा कंपनियों और अन्य का मानना है कि ई-इंश्योरेंस से पॉलिसीहोल्डर्स और पूरे बीमा पारिस्थितिकी को मदद मिलेगी। ई-इंश्योरेंस अकाउंट के तहत पॉलिसी को डिजिटल फॉर्मेट में जारी किया जाएगा। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे शेयरों की डिजिटल फार्मेट में खरीद-फरोख्त की जाती है।
बता दें कि यह विकल्प सबसे पहले 2013 में शुरू किया गया था और फिलहाल यह पॉलिसी होल्डर के वैकल्पिक था कि वह चाहे तो डिजिटल फार्मेट में बीमा ले या नहीं ले। लेकिन अब अनिवार्य रूप से डिजिटल फार्मेट में ही बीमा पालिसी खरीदी जा सकेगी। 4 इंश्योरेंस रिपॉजिटरी- सीएएमएस रिपॉजिटरी, कार्वी, एनएसडीएल डेटाबेस मैनेजमेंट (एनडीएमएल) और सेंट्रल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी ऑफ इंडिया ई- इंश्योरेंस खाते खोलने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
ई-इंश्योरेंस अकाउंट के तहत पॉलिसी को डिजिटल फॉर्म में जारी किया जाता है। ज्यादातर निजी बीमा कंपनियां पॉलिसीहोल्डर्स के लिए पहले से ही ई-इंश्योरेंस खाते खोल रही हैं। अब तक पॉलिसीहोल्डर्स के पास यह विकल्प होता था कि वे पॉलिसी को चाहे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखें या अन्य फॉर्मेट में रखें। बीमा नियामक ने एक अप्रैल से सभी बीमा कंपनियों के लिए पॉलिसी को सिर्फ डिजिटल फॉर्म में जारी करना जरूरी कर दिया है।
इरडा (IRDAI) के दिशा निर्देश में कहा गया है कि हर बीमा कंपनी को सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ही बीमा की पॉलिसी जारी करनी होगी। यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि कई डीमैट खातों के उलट हर पॉलिसीहोल्डर का सिर्फ एक ही ई-इंश्योरेंस अकाउंट होना चाहिेए। यानी एक खाते में आपकी लाइफ, हेल्थ और मोटर इंश्योरेंस जैसी सभी पालिसियां होंगी। इस अकाउंट के जरिये आप बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं, रिन्यूअल प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं, सर्विस रिक्वेस्ट कर सकते हैं और क्लेम भी फाइल कर सकते हैं।
आप अपनी सभी पॉलिसी ई-इंश्योरेंस अकाउंट में स्टोर करते हैं, तो आपको ई-इंश्योरेंस अकाउंट से अलर्ट मिलते रहेंगे। इस पूरी प्रक्रिया को काफी आसान बनाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा, अगर आप किसी पॉलिसी में अपना बैंक खाता, पता या मोबाइल नंबर अपडेट करना चाहते हैं, तो आपको सिर्फ अपने ई-इंश्योरेंस एकाउंट में यह बदलाव करना होगा। आपको अलग से सभी बीमा कंपनियों को इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी। ई-इंश्योरेंस एकाउंट में बदलाव करते ही इसकी सूचना सभी संबंधित एजेंसियों तक पहुंच जाएगी।
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