इंडोनेशिया ने बैन किए देश में सभी सिरप और लिक्विड दवाएं
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इंडोनेशिया ने बैन किए देश में सभी सिरप और लिक्विड दवाएं, नही हो सकेगी बिक्री

इंडोनेशिया ने बड़ा कदम उठाते हुए देश में सभी सिरप (Syrup) और तरल दवाओं पर बैन लगा दिया है। इसका मतलब यह है कि, अब यहां कोई भी लिक्विड दवाई की बिक्री नहीं होगी।
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इंडोनेशिया, दुनिया। पिछले दिनों चार जानलेवा सिरप से जुड़ी खबर सामने आई थी कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) चार कफ सिरप को लेकर वैश्विक अलर्ट जारी किया था। क्योंकि इन सिरप से कई बच्चों के जान जाने की पुष्टि हुई थी। वहीं, अब इंडोनेशिया ने बड़ा कदम उठाते हुए देश में सभी सिरप (Syrup) और तरल दवाओं पर बैन लगा दिया है। इसका मतलब यह है कि, अब यहां कोई भी लिक्विड दवाई की बिक्री नहीं होगी।

इंडोनेशिया सरकार का बड़ा फैसला :

दरअसल, इंडोनेशिया की सरकार ने सिरप से हुई बच्चों की मौत को गंभीरता से लेते हुए देश में सभी सिरप और सारी लिक्विड दवाओं की बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। इंडोनेशिया सरकार ने यह फैसला सिरप देने से हुई 99 बच्चों की मौत होने के बाद शीघ्रता से लिया है। WHO के अनुसार ऐसा बताया गया है कि, सिरप बच्चों की किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाते है। इसलिए इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बच्चों को आने वाले समय में खतरा न हो उसके लिए सिरप व तरल दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है। साथ ही यह भी बताया है कि, 'बीते कुछ महीनों के दौरान किडनी की समस्याओं से 99 बच्चों की मौत हुई। इसी को देखते हुए यह फैसला किया गया।'

सिरप में पाए गए किडनी में घाव पैदा करने वाले तत्व :

इस मामले में सामने आई मीडिया रिपोर्ट की माने तो, गाम्बिया में खांसी की दवा (Syrup) से लगभग 70 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में इंडोनेशिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, 'कुछ सिरप में किडनी में घाव (AKI) पैदा करने वाले तत्व पाए गए हैं। इन तत्वों के चलते ही इस साल में 99 बच्चों की मौत हो गई। हालांकि, अभी यह साफ़ नहीं हुआ है कि, यह दवाइयां जिनसे बच्चों की मौत हुई है, वह सभी आयात की गई थी या इसका उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही हुआ था।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना :

बताते चलें, इस मामले में इंडोनेशिया के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि, 'बच्चों में एकेआइ के लगभग 200 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चे हैं।' बता दें, WHO ने इस मामले में अलर्ट इसलिए जारी किया था क्योंकि, उन्होंने पाया था कि, 'वहां इस्तेमाल किए गए सिरप एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा बनाए गए, जिसमें डायथिलीन ग्लाइकाल और एथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा ज्यादा थी।'

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