ग्वालियर, मध्य प्रदेश। भारत में कोरोना खुद तो आया, लेकिन लाखों लोगों का काल बन कर आया। साथ में महंगाई और आर्थिक मंदी भी साथ लेकर आया। इन दिनों देश में कोरोना के मामलों में काफी कमी दर्ज हुई है, लेकिन महंगाई का कहर अब भी जारी है। सभी जरूरी चीजों की कीमतें साल की शुरुआत से ही कई बार बढ़ चुकी हैं। इन सब के बीच अब त्योहारी सीजन आने से पहले ही देशी घी की कीमतों में भी बढ़त दर्ज हुई हैं। जिनसे अब लोगों की रसोई का स्वाद तो बिगड़ता नजर आ रहा है। साथ में लोगों का बजट भी बचे महीनों के लिए गड़बड़ाने वाला है।
देशी घी की कीमतें बढ़ी :
दरअसल, देश में वर्तमान समय में लगभग हर क्षेत्र में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। चाहे खाद्य पदार्थ की कीमत में दर्ज हुई बढ़त हो या पेय पदार्थ की कीमत। लगभग सभी अन्य चीजों की कीमतें भी बढ़ती ही चली जा रही हैं। इसी लगातार बढ़ती महंगाई के बीच जब त्योहारी सीजन की शुरुआत कुछ ही दिनों में होने वाली है और देसी घी की खपत भी तेजी से बढ़ने वाली है तो उससे पहले ही ब्रांडेड देसी घी की कीमतों में बढ़त दर्ज हुई हैं। जबकि, खबर यह भी है कि, देशी घी की कीमतें नवरात्र के बाद और ज्यादा बढ़ जाएंगी। इन दिनों पितृपक्ष मानें जाते हैं और इसे मंदी का समय माना जाता है क्योंकि, इन दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं होता। इस मंदी के बाद भी देसी घी की कीमतों में बढ़त दर्ज हुई है।
देसी घी का बाजार :
पितृपक्ष के इन दिनों में भी देसी घी का बाजार काफी गर्माया नज़र आ रहा है। ब्रांडेड देसी घी के 15 किलो वाले पैकेट की अलग-अलग कंपनियों की कीमत 7900 से 9000 रुपए तक पहुंच चुकी हैं। जबकि पिछले डेढ़ महीने के दौरान देसी घी के टिन पर 800 से 900 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि, एक-दो दिन से इनकी कीमतों में गिरावट भी दर्ज हो सकती है। इस बढ़ती कीमतों को लेकर घी कारोबारियों का मानना है कि, 'शारदीय नवरात्र से मांग निकलने पर दाम कहीं ओर न बढ़ जाएं। देशी घी के टिन में लगातार हो रही बढ़ोतरी से कारोबारी घबराए हुए हैं, जिसकी वजह से इन दिनों कई ब्रांड मार्केट में उपलब्ध ही नहीं हैं।'
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