दिल्ली, भारत। आज देश जितना ज्यादा डिजिटल होता जा रहा है उतनी ही बड़ी समस्या ई-वेस्ट (ई-कचरे) की भी पैदा होती जा रही है। ई-वेस्ट का सीधा मतलब उस कचरे से है जो ऐसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम जो खराब हो जाते हैं यह इंटरनेट या उपकरण के लिए उपयोग में लाए जा सकते हैं। जी हां, आज देश में डिजिटल क्रांति के साथ ही बढ़ती ई-कचरे की समस्या को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली में देश का पहला ई-वेस्ट इको पार्क बनने जा रहा है।
दिल्ली में बनेगा ई-वेस्ट इको पार्क :
दरअसल, आज देश में ई-वेस्ट की समस्या काफी विकराल रूप ले चुकी है। ये ई-वेस्ट किस तरह नष्ट किया जाये उसका कोई उपाय समझ नहीं आरहा है। हालांकि, इस प्रौद्योगिकी युग में कोई न कोई उपाय निकलना तय ही था है। क्योंकि, इलेट्रॉनिक कचरे का बढ़ता जाना किसी गंभीर चिंता के विषय से कम नहीं है। इलेट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग और साथ ही इलेट्रॉनिक वस्तुओं के नए रूप लोगों को इस ओर आकर्षित करते हैं कि वे अधिक से अधिक इलेट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग करें और पुरानी वस्तुओं का त्याग करें। यही कारण है कि, 'भारत इलेट्रॉनिक कचरा का एक बड़ा घर बनता जा रहा है। इस बड़ी समस्या का सामना करने के लिए अब देश की राजधानी दिल्ली में देश का पहला ई-वेस्ट इको पार्क का बनने जा रहा है। जो कि, 20 एकड़ के क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है।
होगा हर दिन निकलने वाले ई-कचरे का निपटारा :
बताते चलें, दिल्ली में बन रहे ई-वेस्ट इको पार्क के माध्यम से हर दिन निकलने वाले दो लाख टन ई-कचरे का निपटारा किया जा सकेगा। इस ई-वेस्ट में बिजली के उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, कंप्यूटर और सहायक उपकरण और मोबाइल फोन से निकलने वाला कचरा शामिल होगा। इस कचरे को खत्म करने के लिए दिल्ली में बनने वाले ई-वेस्ट इको पार्क निर्माण के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। ख़बरों की मानें तो, इसकी कुछ खासियत इस प्रकार होगी -
यह ई-वेस्ट मैनेजमेंट पार्क बेहद साइंटिफिक तरीके से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए काम करेगा।
यह ई-वेस्ट मैनेजमेंट इको-पार्क स्टेट ऑफ आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा।
इस ई-वेस्ट इनफॉर्मल सेक्टर के ऑपरेटरों को फॉर्मल री-साइकिलिंग के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
अपने इंटीग्रेटेड सिस्टम के साथ ई-वेस्ट इको-पार्क एक ही परिसर में प्लास्टिक वेस्ट को प्रोसेस करने के साथ ई-वेस्ट को उच्च तकनीक के माध्यम से डिसमेंटलिंग, सेग्रिगेशन, रिफर्बिशिंग प्लास्टिक रीसाइकलिंग और बहुमूल्य धातुओं का एक्सट्रैक्शन किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी :
पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि, 'ई-वेस्ट को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है, ई-वेस्ट भी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इसका साइंटिफिक और सुरक्षित तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है।'
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