देश में तेजी से विकसित हो रहा है स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम
नैसकाम का 'भारत में पेटेंट रुझान' अध्ययन का 7वां संस्करण जारी
कुल पेटेंट फाइलिंग में 9.3 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु सबसे ऊपर
राज एक्सप्रेस। भारत में तेजी से नवाचार बढ़ रहा है। सरकार की उदार नीतियों के कारण स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम विकसित हो रहा है। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय स्टार्टअप्स ने 83 हजार पेटेंट फाइल किए हैं। पेटेंट फाइल करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) और न्यूरो टेक्नोलॉजी स्टार्टअप आगे रहे। स्टार्टअप और एमएसएमई (सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यमों) के आइपी पंजीकरण के लिए सरकार ने सब्सिडी, सुविधा केंद्र, मजबूत अनुसंधान और विकास ईकोसिस्टम बनाने में भरपूर मदद की है।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नास्काम) ने अपने वार्षिक 'भारत में पेटेंट रुझान' अध्ययन का सातवां संस्करण जारी किया। NASSCOM के इस अध्ययन में बौद्धिक संपदा (आइपी) अधिकार के साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का विशेष उल्लेख किया गया है। NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में पेटेंट दाखिल करने में 24.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर पिछले दो दशकों के बाद सर्वाधिक है। नास्कॉम की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं द्वारा दायर पेटेंट की हिस्सेदारी एक साल पहले के 10.2 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 11.6 प्रतिशत हो गई है।
NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष के दौरान कुल पेटेंट फाइलिंग में 9.3 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु सबसे ऊपर रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है, जिसने 6.8 प्रतिशत का योगदान दिया है। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019 और वित्त वर्ष 2023 के पेटेंट की संख्या में दो गुना से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। नैसकाम के अनुसार मार्च 2023 और मार्च 2024 के बीच एक लाख से अधिक पेटेंट दिए जाने का अनुमान है। पिछले एक दशक में भारतीय नागरिकों द्वारा पेटेंट के लिए आवेदन करने वालों का अनुपात लगभग दोगुना हो गया है।
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