दिवाली-छठ पर रेलवे के डायनामिक फेयर सिस्टम से महंगा हुआ किराया
दिवाली-छठ पर रेलवे के डायनामिक फेयर सिस्टम से महंगा हुआ किरायाSocial Media

दिवाली-छठ पर रेलवे के डायनामिक फेयर सिस्टम से महंगा हुआ ट्रेनों का किराया

यदि आप त्यौहार मनाने अपने घर जाने का सोच रहे हैं तो अब आपको रेल यात्रा करना महंगा पड़ेगा। क्योंकि, अब रेलवे ने दिवाली और छठ के मौके पर डायनामिक फेयर सिस्टम लागू कर यात्रियों को झटका दिया है।
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राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण कई समय तक बंद पड़ी रही ट्रेनों के कारण भारतीय रेलवे को काफी घाटा उठाना पड़ा है। इस नुकसान को कम करने के लिए रेलवे तरह-तरह की स्कीम लेकर आ रही है। इन्हीं स्कीम के तहत अब रेलवे ने दिवाली और छठ के मौके पर डायनामिक फेयर सिस्टम लागू कर यात्रियों को झटका दे दिया है। इस प्रकार यदि आप दूसरे शहर में रहते हैं और त्यौहार मनाने अपने घर जाने का सोच रहे हैं तो अब आपको रेल यात्रा करना महंगा पड़ेगा।

क्या है मामला ?

दरअसल, दिवाली और छठ के मौके पर हर कोई अपने घर जाता है और इसके लिए ज्यादातर लोग रेल यात्रा करते हैं। इन दिनों ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। जिसका कारण रेलवे का डायनामिक फेयर सिस्टम लागू करने का फैसला है। क्योंकि, इन दिनों ट्रेन में टिकट ने मिलने के कारण पहले ही बड़ी परेशानी हो रही है, कई बार वेटिंग लिस्ट भी काफी लंबी होती है। जहां वेटिंग की सम्भावना कम होती है, उन ट्रेनों में किराया बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और तेजस जैसी गाड़िया डायनामिक फेयर सिस्टम वाली ट्रेने हैं और इनमें त्योहार के समय में 2 से 3 गुना ज्यादा ही टिकिट लगता है।

यात्रियों को देना पड़ता है तिगुना किराया 

दिल्ली से पटना जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 1,350 रुपये है, जबकि, दिल्ली से पटना के लिए ही राजधानी ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 2,370 रुपये है। वहीँ, तेजस राज में इस किराए की कीमत 3,415 रुपये है। इस प्रकार देखा जाए तो अन्य दूसरी ट्रेनों के मुकाबले इन ट्रेनों में किराया ढाई से तीन गुना ज्यादा ही है। इस प्रकार रेलवे को तो फायदा हो रहा है, लेकिन यात्रियों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही हैं।

क्या है डायनामिक फेयर सिस्टम ?

भारत सरकार ने सितंबर 2016 में रेलवे डायनामिक फेयर सिस्टम की शुरुआत की थी। ये सिस्टम कुछ विशेष ट्रेनों जैसे शताब्दी, राजधानी और दुरंतो यानी 150 से ज्यादा प्रीमियम वाली गाड़ियों पर लागू किया गया है। इस नियम के अंतर्गत टिकटों की बुकिंग के साथ ही साथ किराये में भी बढ़त दर्ज होती जाती है। अगर ट्रेन में 10% टिकट बुक हुई हैं, तो किराये में भी 10% की बढ़त दर्ज हो जाती है। वहीं,यदि 20% टिकट बुक हुई है तो भी यात्री को किराये में 10% और ज्यादा का ही भुगतान करना होगा। और सरल सब्दों में समझे तो, हर 10% टिकट की बुकिंग के साथ किराये में बढ़त दर्ज होती जाती है और यह सिलसिला 50% टिकट बुक हो जाने तक लगातार चलता है। इस सिस्टम के तहत किराया इस प्रकार बढ़ता है -

  • 10% से कम पर 1000 रुपये

  • 10 से 20% में 1100 रुपये

  • 20 से 30% में 1210 रुपये

  • 30 से 40% में 1330 रुपये

  • 40 से 50% में 1460 रुपये

  • 50% से ज्यादा में 1460 रुपये

किन ट्रेनों पर लागू होता है ये सिस्टम ?

बताते चलें, डायनामिक फेयर सिस्टम सिर्फ कुछ विशेष ट्रेनों पर इसलिए लागू होता है। क्योंकि, इन ट्रेनों की स्पीड दूसरी ट्रेनों की तुलना में ज्यादा होती है, इसलिए इनमें डायनामिक फेयर सिस्टम लागू कर दिया जाता है यही कारण है कि, इन ट्रेनों का किराया न सिर्फ ज्यादा होता है, बल्कि त्योहार के समय इसमें टिकट बुक करना और ज्यादा महंगा हो जाता है।

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